एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राज्य में निजी पर्यटन निवेश को बढ़ावा देने के लिए ‘पर्यटन निवेश प्रोत्साहन परिषद्’ के गठन को मंजूरी दे दी है। यह परिषद एकल-खिड़की तंत्र (Single Window System) के रूप में काम करेगी, जिसका उद्देश्य निवेशकों को प्रक्रियात्मक जटिलताओं से मुक्ति दिलाना और समयबद्ध अनुमोदन प्रदान करना है।
🔹 प्रमुख बिंदु:
-
₹50 करोड़ या उससे अधिक की पर्यटन परियोजनाओं का अनुमोदन इसी मंच से होगा।
-
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित इस परिषद को पर्यटन विभाग के अंतर्गत एक निवेश प्रोत्साहन प्रकोष्ठ द्वारा सहायता प्रदान की जाएगी।
-
परिषद् को “न्यूनतम विनियमन, अधिकतम सुविधा” और “समयबद्ध निर्णय” की कार्यशैली पर संचालित किया जाएगा।
🔹 प्रक्रियात्मक सुधार:
-
विभिन्न विभागों (जैसे PWD, TCP, अग्निशमन, जल शक्ति) के लिए एकीकृत दस्तावेज़ प्रारूप लागू किया जाएगा।
-
परियोजना की प्रारंभिक तैयारी का कार्य सरकार स्वयं करेगी, जिससे निवेशकों को प्रवेश में बाधा महसूस न हो।
-
वैधानिक अनुमोदनों को छोड़कर, यदि तय समय सीमा में मंज़ूरी नहीं मिली, तो परियोजना स्वतः स्वीकृत मानी जाएगी।
🔹 सरकार का दृष्टिकोण:
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि पर्यटन हिमाचल की अर्थव्यवस्था का मुख्य स्तंभ है, जो रोजगार और क्षेत्रीय संतुलन में अहम योगदान देता है।
इस नई परिषद् से परियोजनाओं की मंजूरी में देरी कम होगी और निवेशकों को बेहतर सुविधा मिलेगी।
🔹 परिषद की कार्यशैली:
-
यह राज्य-स्तरीय परिषद हर महीने बैठक करेगी।
-
निवेश प्रस्तावों की समीक्षा और अनुमोदन समयबद्ध तरीके से किया जाएगा।
-
परिषद् पर्यटन क्षेत्र में निवेश माहौल सुधारने के लिए नीतिगत और प्रक्रियात्मक सिफारिशें भी करेगी।
