
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
मंडी। थुनाग उपमंडल के दुर्गम व आपदा प्रभावित क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति युद्धस्तर पर जारी है। उपायुक्त एवं जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष अपूर्व देवगन ने बताया कि बगस्याड के समीप कांढी से सुराह के लिए राशन सामग्री पैदल मार्ग से भेजी जा रही है। इस कार्य में मजदूरों और स्थानीय पंचायतों की सहायता ली जा रही है।
पहले चरण में 40 राशन किट और 5 तिरपाल सुराह भेजे गए हैं, जबकि शेष 30 किट दूसरे चरण में भेजी जा रही हैं। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार प्रशासन राहत और सेवाओं की बहाली के लिए सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है।
उपायुक्त ने बताया कि बगस्याड क्षेत्र में कुल 500 राशन किट भेजी गई हैं, जिनमें से 150 राहत शिविरों के लिए हैं। इसके अतिरिक्त थुनाग क्षेत्र में गृह रक्षक जवानों की मदद से 10 राशन किट पैदल बाढ़ प्रभावित परिवारों को वितरित की गईं।
रैण गलू, पखरैर पंचायत सहित अन्य प्रभावित क्षेत्रों में अब तक 157 राशन किट, 15 गैस सिलेंडर (19 किग्रा), और 50 लीटर डीजल भेजा गया है। राशन किट में आटा, चावल, तेल, दाल, चीनी, नमक, मसाले, चाय, सेनिटरी पैड आदि शामिल हैं।
सड़क व पैदल रास्तों के क्षतिग्रस्त होने के बावजूद, राहत दल उफनते नदी-नालों को पार कर लगातार सामग्री पहुंचा रहे हैं। उपायुक्त ने सभी स्वयंसेवियों, विभागीय कर्मचारियों और एजेंसियों का आभार व्यक्त किया है।
पियाला डेजी गांव में पहुंचा बचाव दल ने 65 लोगों को सुरक्षित निकाला गया
बादल फटने से आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण मंडी जिला के अति दुर्गम सराज क्षेत्र में राहत एवं बचाव कार्य जारी है। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने बताया कि एनडीआरएफ की टीम ने पियाला डेजी गांव सहित अन्य प्रभावित गांवों से 65 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला है।
बचाव दल ने रूकचुई, भराड़ और पियाला डेजी गांवों तक पहुंचने में सफलता पाई है। प्रभावितों को प्राथमिक चिकित्सा और आवश्यक सहायता प्रदान की गई है।
थुनाग से इन गांवों की दूरी लगभग 8 से 9 किलोमीटर है, लेकिन मार्ग पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण टीम को पैदल ही दुर्गम रास्तों से गुजरना पड़ा।
उपायुक्त ने बताया कि प्रशासन, स्वयंसेवकों और सभी विभागों के समन्वित प्रयासों से यह राहत कार्य संभव हो सका है।
