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एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 की 3667 करोड़ रुपये की वार्षिक सड़क योजना को स्वीकृति प्रदान की है। इस योजना में प्रदेश के सभी जिलों में राष्ट्रीय उच्च मार्गों पर पुलों के निर्माण, सड़कों के स्तरोन्नयन और क्रैश बैरियर जैसे कार्यों को शामिल किया गया है।
मंत्री ने बताया कि कुछ दिन पूर्व उन्होंने केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर प्रदेश के कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की थी। उन्होंने बताया कि पिछली बार वित्तीय वर्ष 2023-24 में भेजे गए 2600 करोड़ के प्रस्ताव पर केवल 269 करोड़ ही स्वीकृत हुए थे, लेकिन इस बार 3667 करोड़ की योजना को केंद्र से मंजूरी मिल गई है।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि कुल्लू जिले में एनएच-305 के तहत जलोड़ी जोत में सुरंग निर्माण को केंद्र सरकार ने सैद्धांतिक स्वीकृति दी है और इसके लिए 1452 करोड़ रुपये की राशि मंजूर की गई है। इस सुरंग से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय जनता को भी बड़ा लाभ होगा।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि एनएच-5 पर रामपुर के ब्रोनी नाला में लगातार हो रहे भू-स्खलन के चलते सड़क को हो रहे नुकसान को देखते हुए 135 करोड़ रुपये की लागत से पुल का निर्माण किया जाएगा। वहीं काला आंब-पांवटा साहिब-देहरादून सड़क को चार लेन करने के लिए केंद्र सरकार ने 1385 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं, जिसमें भूमि अधिग्रहण और अन्य पूर्व निर्माण गतिविधियां शामिल हैं।
लोक निर्माण मंत्री ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और केंद्र सरकार का आभार जताते हुए कहा कि प्रदेश और केंद्र सरकार के बीच सकारात्मक समन्वय बना रहना चाहिए ताकि राज्य के प्रत्येक क्षेत्र का संतुलित विकास हो सके।
इसके अतिरिक्त दिल्ली दौरे के दौरान उन्होंने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की और मंडी व कुल्लू जिलों को जोड़ने वाली भुभू जोत सुरंग व सड़क निर्माण का मुद्दा उठाया। उन्होंने आग्रह किया कि इस सड़क को रक्षा रणनीतिक मार्ग घोषित किया जाए। मंत्री ने कहा कि इस परियोजना से पठानकोट और कुल्लू के बीच की दूरी 40 से 50 किलोमीटर कम हो जाएगी जिससे पर्यटकों, आम लोगों और भारतीय सेना को भी लाभ होगा।