एआरबी टाइम्स ब्यूरो
मंडी। सराज उपमंडल थुनाग में 30 जून और 1 जुलाई, 2025 को आई प्राकृतिक आपदा के बाद राहत एवं पुनर्वास कार्य तेज़ी से जारी हैं। उपमंडलाधिकारी (ना.) रमेश कुमार ने बताया कि क्षेत्र में बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन के चलते भारी नुकसान हुआ है, लेकिन प्रशासन और प्रदेश सरकार के निर्देशों के अनुसार राहत कार्यों को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने जानकारी दी कि जल शक्ति मंडल थुनाग के अंतर्गत कुल 299 पेयजल योजनाएं संचालित हैं, जिनमें से 241 योजनाएं आपदा में क्षतिग्रस्त हो गई थीं। अब तक 189 योजनाएं अस्थायी रूप से बहाल की जा चुकी हैं। इससे 30 ग्राम पंचायतों को पूरी तरह और 51 ग्राम पंचायतों को आंशिक रूप से पेयजल सुविधा प्रदान की जा रही है।
सड़क संपर्क की बात करें तो आपदा में उपमंडल की कुल 35 सड़कें क्षतिग्रस्त हुई थीं। इनमें से 10 सड़कें यातायात के लिए पूर्ण रूप से बहाल कर दी गई हैं, जिनमें मंडी-चैलचौक-जंजैहली और पंडोह-कांढा मार्ग शामिल हैं। 23 सड़कें आंशिक रूप से खुली हैं जबकि कुछ मार्गों जैसे बगस्याड-शिकावरी और तांदी-द्रौण को भारी नुकसान हुआ है। सड़क बहाली के लिए 52 मशीनें तैनात की गई हैं जिनमें 12 एलएंडटी मशीनें, 27 जेसीबी, 9 टिप्पर, 2 एयर कंप्रेसर और 2 ट्रैक्टर शामिल हैं।
विद्युत आपूर्ति की स्थिति पर जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि विद्युत उपमंडल जंजैहली के 202 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए थे, जिनमें से 162 को पूरी तरह बहाल कर लिया गया है। शेष ट्रांसफार्मरों पर कार्य प्रगति पर है। छतरी क्षेत्र के सभी 78 ट्रांसफार्मर बहाल कर दिए गए हैं।
प्रशासन द्वारा चलाए जा रहे राहत प्रयासों से जनजीवन को सामान्य बनाने की दिशा में तेज़ी से कार्य हो रहा है।
