
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश के शिमला में स्थित संजौली मस्जिद विवाद अब सेशन कोर्ट में पहुंच गया है। वक्फ बोर्ड ने नगर निगम आयुक्त की ओर से मस्जिद को पूरी तरह से तोड़ने के आदेश को चुनौती दी है। वक्फ बोर्ड के एस्टेट ऑफिसर कुतुबुद्दीन ने इसकी पुष्टि की है। वहीं, देवभूमि संघर्ष समिति के सह संयोजक विजय शर्मा ने केस में कैविएट दायर की है। वक्फ बोर्ड की याचिका पर 23 मई को कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका पर निर्णय लेगा। यह मामला पहले 16 वर्षों तक शिमला नगर निगम की अदालत में चला, जिसमें 50 से अधिक बार सुनवाई हुई। हिमाचल हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद, 3 मई 2025 को नगर निगम आयुक्त भूपेंद्र अत्री ने मस्जिद को अवैध घोषित करते हुए इसे गिराने के आदेश दिए। फैसले में कहा गया कि मस्जिद कमेटी जमीन पर मालिकाना हक के कागजात, नक्शा या NOC पेश करने में असफल रही। इसके चलते मस्जिद का पूरा निर्माण अवैध माना गया। इससे पहले, 5 अक्टूबर 2024 को मस्जिद की ऊपरी तीन मंजिलों को तोड़ने के आदेश पहले ही जारी किए जा चुके थे।
हिंदू संगठनों और स्थानीय निवासियों का आरोप है कि मस्जिद बिना अनुमति के बनाई गई और उसकी जमीन वक्फ बोर्ड की नहीं है। निगम की जांच में ये आरोप सही पाए गए। अब देखना यह होगा कि कोर्ट वक्फ बोर्ड को राहत देता है या निगम आयुक्त के आदेशों को बरकरार रखता है।
