एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक रूप से उगाई गई फसलों की बिक्री के इच्छुक किसानों के लिए एक विशेष पंजीकरण अभियान आरंभ किया है, जो 15 जून तक चलेगा। इस अभियान का उद्देश्य अधिक से अधिक किसानों को योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के निर्देशानुसार यह अभियान प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में मिशन मोड पर संचालित किया जा रहा है। कृषि विभाग खण्ड स्तर पर शिविरों के माध्यम से किसानों का पंजीकरण करेगा और उनकी सभी शंकाओं का समाधान करेगा।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने गेहूं, मक्की, कच्ची हल्दी और जौ पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय किया है। अब गेहूं का एमएसपी 60 रुपये/किग्रा, मक्की का 40 रुपये/किग्रा, कच्ची हल्दी का 90 रुपये/किग्रा तथा चंबा जिले के पांगी क्षेत्र की जौ का एमएसपी 60 रुपये/किग्रा कर दिया गया है।
इसके अतिरिक्त, पशुपालकों को भी आर्थिक सहयोग देने हेतु राज्य सरकार गाय के दूध को 51 रुपये/लीटर तथा भैंस के दूध को 61 रुपये/लीटर की दर से खरीद रही है। यह एमएसपी दरें देश में सबसे अधिक मानी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री की इस पहल का मुख्य उद्देश्य प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है।
