एआरबी टाइमस ब्यूरो
शिमला। शिमला जिला में फोरलेन निर्माण कार्य को लेकर गुरुवार को उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में अहम बैठक आयोजित की गई। बैठक में भट्टाकुफर क्षेत्र में पांच मंजिला भवन के गिरने की घटना की जांच के लिए विशेष जांच समिति गठित करने के निर्देश दिए गए।
उपायुक्त ने बताया कि यह समिति अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) पंकज शर्मा की अध्यक्षता में कार्य करेगी। कमेटी भवन गिरने के कारणों, नुकसान के आकलन और प्रभावितों को दी जाने वाली सहायता पर विस्तृत रिपोर्ट देगी। साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि आस-पास के अन्य भवनों को भी फोरलेन निर्माण की कटिंग से कोई खतरा तो नहीं है।
फोरलेन के कार्य की निगरानी को बनी दूसरी कमेटी
उपायुक्त ने बताया कि कैथलीघाट (जहाँ से जिला शिमला की सीमा प्रारम्भ होती है) से लेकर ढली तक 27 किलोमीटर लंबी फोरलेन परियोजना की निगरानी के लिए एक अन्य समिति का गठन किया गया है। यह समिति अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा की अध्यक्षता में कार्य करेगी और इसमें लोक निर्माण विभाग, एनएचएआई, पुलिस, निर्माण कंपनी सहित 12 सदस्य होंगे।
समिति फोरलेन निर्माण कार्य की निशानदेही करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि निर्माण कंपनी सभी नियमों का पालन कर रही है या नहीं। निर्माण से उत्पन्न हो रही संवेदनशील परिस्थितियों की पहचान कर समिति विस्तृत रिपोर्ट देगी।
दो दिन में मांगी एनएचएआई से रिपोर्ट
बैठक में निर्णय लिया गया कि एनएचएआई दो दिनों के भीतर यह रिपोर्ट देगी कि फोरलेन कार्य के दौरान किन स्थानों पर कंसल्टेंट की ओर से खतरे की रिपोर्ट दी गई और इन रिपोर्टों के आधार पर कंपनी ने क्या कदम उठाए। साथ ही कंपनी को यह भी बताना होगा कि भूमि अधिग्रहण की स्थिति क्या रही और किस हद तक नियमों का पालन किया गया।
डंपिंग साइट्स और प्रभावित भवनों का मूल्यांकन होगा
उपायुक्त ने कहा कि फोरलेन निर्माण से लोगों के घरों पर खतरा मंडरा रहा है। शिकायतों के आधार पर ड्रोन सर्वे किया जा रहा है ताकि कटिंग से प्रभावित संभावित क्षेत्रों की पहचान हो सके। एनएचएआई और निर्माण कंपनी को निर्देश दिए गए हैं कि डंपिंग साइट्स का निरीक्षण करें, जिससे मानसून के दौरान किसी प्रकार का भू-स्खलन या अन्य आपदा न हो।
लोक निर्माण विभाग को आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त भवनों का मूल्यांकन करने के निर्देश भी दिए गए हैं, जिससे प्रभावितों को उचित मुआवजा और आवश्यक सहायता दी जा सके।
कंपनी दे किराए और आर्थिक सहायता: उपायुक्त
करीब 20 प्रभावित परिवारों की मांग पर उपायुक्त ने कहा कि कंपनी उन्हें किराया और आर्थिक सहायता प्रदान करने की दिशा में कदम उठाए। साथ ही आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त भवनों को सुरक्षित करने के लिए भी आवश्यक प्रबंध किए जाएं।
