एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। विशेष सचिव, राजस्व डी.सी. राणा ने बताया कि प्रदेश में सामुदायिक स्तर पर आपदा प्रतिक्रिया क्षमता को सुदृढ़ करने के लिए प्रथम चरण में 9 जिलों के 1500 स्वयंसेवकों को आपदा प्रतिक्रिया ऑपरेशन के लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसमें कांगड़ा के 300, चंबा, सोलन, ऊना, शिमला से 200-200 तथा हमीरपुर, किन्नौर, कुल्लू और लाहौल-स्पीति के 100-100 युवा शामिल हैं।
द्वितीय चरण के अंतर्गत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और हिमाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बीच समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया है। इस पहल के तहत 9 जिलों में युवा आपदा मित्र योजना लागू की जा रही है। यह योजना एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस और भारत स्काउट एंड गाइड्स के सहयोग से संचालित हो रही है।
कार्यक्रम के तहत 4070 युवा स्वयंसेवकों को आपदा प्रबंधन पर 7 दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, आपातकालीन प्रतिक्रिया किट और तीन वर्षों के लिए जीवन एवं चिकित्सा बीमा की सुविधा भी प्रदान की जाएगी। प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों में एनसीसी के 1500, एनएसएस के 750, एनवाईकेएस के 750 और बीएसएंडजी के 1070 स्वयंसेवक शामिल हैं। जिला स्तर पर योजना को प्रभावी बनाने के लिए जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण कार्य करेगा।
आपदा मित्र योजना के तहत केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थान, कोट बल्लभ जम्मू में 20 मार्च, 2025 तक हिमाचल प्रदेश के 20 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जो मास्टर ट्रेनर की भूमिका निभाएंगे।
यह प्रयास प्रदेश सरकार की आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया क्षमताओं को मजबूत करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अब तक 24,500 स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है, जो आपदा के समय महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
