एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि प्रदेश के परिवहन विभाग ने बीते 16 महीनों में 1236.53 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड राजस्व अर्जन किया है। उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि सरकार की पारदर्शी, सुधारात्मक और तकनीकी रूप से सक्षम कार्यप्रणाली का प्रमाण है।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभाग ने 912.18 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त किया, जबकि 2025-26 के पहले चार महीनों (अप्रैल से जुलाई) में ही 324.35 करोड़ रुपये की आय दर्ज की गई है। अधिकारियों के अनुसार, यह आंकड़ा वर्ष के अंत तक 1000 करोड़ रुपये से अधिक हो सकता है।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग अब केवल वाहनों के संचालन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह राज्य की आर्थिक प्रगति में भी अहम भूमिका निभा रहा है।
राजस्व अर्जन का विवरण इस प्रकार है:
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इंडियन मोटर व्हीकल एक्ट के अंतर्गत परमिट, लाइसेंस, और पेनल्टी से – ₹160.28 करोड़
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राज्य मोटर वाहन अधिनियम के तहत टोकन टैक्स, कंपोजिट फीस, विशेष पंजीकरण शुल्क, एसआरटी और ग्रीन टैक्स से – ₹712.82 करोड़
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अन्य शुल्क व करों से – ₹39.08 करोड़
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2025-26 के चार महीनों में कुल – ₹324.35 करोड़ (IMV एक्ट: ₹63.09 करोड़, राज्य अधिनियम: ₹250.01 करोड़, अन्य स्रोत: ₹11.25 करोड़)
उन्होंने यह भी बताया कि विभागीय संरचना को तकनीकी रूप से सशक्त किया गया है। पंजीकरण, टैक्स, परमिट और निरीक्षण की प्रक्रियाएं ऑनलाइन की गई हैं जिससे कर चोरी पर अंकुश लगा है और नागरिकों को डिजिटल सुविधाएं घर पर ही मिल रही हैं।
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि प्रदेश को वित्तीय रूप से सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
