एआरबी टाइम्स ब्यूरो
चंडीगढ़। पीजीआई में गर्मियों की छुट्टियां 16 मई से शुरू हो रही हैं और 15 जुलाई तक चलेंगी। छुट्टियों को दो हिस्सों में बांटा गया है। पहले चरण में 16 मई से 14 जून तक 50% फैकल्टी छुट्टी पर रहेगी, जबकि दूसरे चरण में 16 जून से 15 जुलाई तक बाकी फैकल्टी सदस्य छुट्टी पर जाएंगे। संस्थान ने पहले हाफ के लिए ड्यूटी रोस्टर जारी कर दिया है और सभी विभागों के प्रमुखों (एचओडी) को 15 दिन के भीतर अपने विभाग की ड्यूटी लिस्ट तैयार कर संबंधित कार्यालय को भेजने के निर्देश दिए गए हैं। 5 जून को सभी फैकल्टी सदस्यों को ड्यूटी पर आकर चार्ज हैंडओवर करना अनिवार्य होगा। इसके बाद ही वे छुट्टियों पर जा सकेंगे। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि जिम्मेदारियों का स्पष्ट हस्तांतरण हो।
🔹 इमरजेंसी और ओपीडी सेवाओं पर जोर
संस्थान ने स्पष्ट किया है कि छुट्टियों के दौरान इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रूप से जारी रहेंगी। कम से कम 50% फैकल्टी हर समय ड्यूटी पर मौजूद रहेगी। ओपीडी की जिम्मेदारी मुख्यतः सीनियर और जूनियर रेजिडेंट्स के कंधों पर होगी, जो मरीजों की देखभाल करेंगे।
🔹 नियमों का सख्ती से पालन अनिवार्य
गर्मियों की छुट्टियां केवल दो हिस्सों (पहला हाफ और दूसरा हाफ) में ही ली जा सकती हैं। दोनों हाफ में एक साथ छुट्टी लेने की अनुमति नहीं है और बीच की छुट्टियां मान्य नहीं होंगी। किसी भी बदलाव के लिए विभागाध्यक्ष की पूर्व मंजूरी अनिवार्य होगी। यदि कोई फैकल्टी सदस्य छुट्टी के दौरान किसी कॉन्फ्रेंस में भाग लेता है, तो वह उसी हाफ की छुट्टी मानी जाएगी। एक हाफ की छुट्टी लेने के बाद दूसरे हाफ में एलटीसी, अर्जित अवकाश या कॉन्फ्रेंस की अनुमति नहीं दी जाएगी।
🔹 मरीजों को हो सकती है असुविधा
सीनियर कंसल्टेंट्स छुट्टी से पहले अपने मरीजों को एडजस्ट करते हैं, फिर भी सर्जरी और ओपीडी में भीड़ बढ़ जाती है। लंबे इंतजार और डॉक्टरों के न होने से मरीजों को विशेष क्लीनिकों में परेशानी का सामना करना पड़ता है।