एआरबी टाइम्स ब्यूरो
मंडी। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में लगातार हो रही बारिश से सेब की फसल पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। अत्यधिक नमी के कारण स्कैब जैसे फफूंद जनित रोगों का प्रकोप बढ़ने की आशंका है, जिससे न केवल उत्पादन घट सकता है, बल्कि सेब की गुणवत्ता और भंडारण क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने उद्यान विभाग को निर्देश दिए हैं कि सेब उत्पादकों को समय पर मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता प्रदान की जाए। उन्होंने कहा कि सभी उप-मंडलों और विकास खंडों में उद्यान अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए, ताकि बागवानों तक सटीक जानकारी समय पर पहुंच सके।
एसएमएस बागवानी पूजा गौतम ने जानकारी दी कि बारिश के कारण बागानों में अत्यधिक नमी बनी हुई है, जिससे स्कैब रोग लगने का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने बागवानों को सलाह दी है कि जब तक मौसम पूरी तरह साफ न हो, तब तक सेब की तुड़ाई स्थगित रखें। गीले फलों की तुड़ाई से उनकी गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है।
भंडारण और ग्रेडिंग के सुझाव:
-
कटाई के बाद फलों को सूखे और हवादार स्थान पर रखें।
-
छंटाई और ग्रेडिंग केवल सुखाने के बाद ही करें।
-
बड़े स्तर पर कटाई या परिवहन से पहले स्थानीय उद्यान अधिकारियों से मौसम और सड़कों की स्थिति की जानकारी लें।
रोग नियंत्रण उपाय:
यूएचएफ, नौणी (सोलन) द्वारा अनुशंसित दवाओं जैसे लस्टर, लूना एक्सपीरियंस या डोडीन का 200 लीटर पानी में निर्धारित मात्रा में मिलाकर छिड़काव करें। ध्यान रखें कि यह छिड़काव केवल साफ मौसम में किया जाए।
आपात स्थिति में संपर्क करें:
-
डॉ. नवीन कुमार, बागवानी विकास अधिकारी, बगस्याड़ – 📞 98175-82381
-
डॉ. विजय चौहान, बागवानी विकास अधिकारी, जंजैहली – 📞 85809-46505
-
अमर चंद, बागवानी विस्तार अधिकारी, छतरी – 📞 70180-34378
-
नर्वदा देवी, बागवानी विस्तार अधिकारी, जंजैहली – 📞 82196-38323
बागवानों से अपील:
बागवान विभागीय निर्देशों का पालन करें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत संबंधित अधिकारी से संपर्क करें, ताकि सेब की फसल को समय रहते सुरक्षित किया जा सके।
