
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला/रामपुर बुशहर/कुल्लू। हिमाचल प्रदेश में मौसम जनित संकट थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को लाहौल स्पीति, कुल्लू, किन्नौर और शिमला जिलों में बादल फटने की घटनाओं ने तबाही मचा दी। हालांकि, किसी जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है, लेकिन बाढ़ में तीन पुल ध्वस्त हो गए और आधा दर्जन से ज्यादा गाड़ियां बाढ़ के पानी में बह गईं। कई घरों को भी नुकसान हुआ है। श्रीखंड महादेव चोटी पर बादल फटने से पानी दो धाराओं में बंटकर निरमंड की कुर्पण खड्ड और रामपुर की गानवी खड्ड में भारी बाढ़ लेकर आया। गानवी में बाढ़ से दो शेड और एक पुल बह गया। कई घर खतरे की जद में आ गए और गानवी बस स्टैंड में दुकानों में पानी घुस गया। पुल टूटने से गानवी, क्याओ और कूट पंचायतों का सड़क संपर्क कट गया। लाहौल स्पीति की म्याड़ घाटी में बादल फटने से करपट गांव खाली कराया गया। करीब 22 परिवारों को सुरक्षित जगह शिफ्ट किया गया। कुल्लू की तीर्थन घाटी में दो पुल बह गए और आधा दर्जन गाड़ियां बहीं। किन्नौर के पूह में होजो नाले में बाढ़ से आईटीबीपी कैंप के लिए सड़क बनाने वाली मशीनरी बह गई और कर्मचारी फंस गए।
प्रोजेक्टों में बिजली उत्पादन ठप, बंजार में आज स्कूल बंद
खड्ड में आई बाढ़ के कारण गानवी के प्रोजेक्टों में बिजली उत्पादन ठप हो गया है। यहां 11 मेगावाट की स्टेज एक और 10 मेगावाट की स्टेज दो परियोजना चल रहा है। शाम पांच बजे के करीब खड्ड में बाढ़ आने की सूचना के बाद दोनों परियोजनाएं बंद कर दी गईं। बाढ़ से परियोजनाओं को नुकसान हुआ है या नहीं, इसके बारे में राज्य विद्युत बोर्ड वीरवार को आकलन करेगा। खराब मौसम को देखते हुए कुल्लू जिला प्रशासन ने वीरवार को स्कूलों में छुट्टी कर दी है। प्रशासनिक आदेश निजी और सरकारी स्कूलों दोनों के लिए लागू होंगे। उधर, सरकार ने सभी जिलों के उपायुक्तों को निर्देश जारी कर दिए हैं कि मौसम को देखते हुए स्कूल बंद रखने का फैसला लिया जाए।
रामपुर बुशहर और नोगली में देर रात सड़कों पर नजर आए लोग
किन्नौर जिले के होजो नाले में बुधवार को आई बाढ़ के बाद सतलुज नदी में भारी मात्रा में पानी के साथ गाद आ गई। इसके चलते कड़छम वांगतू और 1500 मेगावाट की नाथपा झाकड़ी परियोजना के बांध से पानी छोड़ा गया। हालांकि, बांधों से रूक-रूक कर पानी छोड़ा गया, बावजूद इसके सतलुज नदी ऊफान पर आ गई। बांधों से पानी छोड़े जाने की सूचना के बाद नदी किनारे बस लोगों को प्रशासन ने अलर्ट कर दिया। शिमला जिले के रामपुर बुशहर और नोगली में नदी किनारे से लोगों को सुरक्षित स्थान की ओर जाने के लिए कह दिया गया। नदी में लगातार पानी बढ़ता देखकर किनारे बस लोगों ने भी घर छोड़ दिए। रामपुर में नदी किनारे बस लोग घर छोड़कर पदम स्कूल में इकट्ठे हो गए। देर रात तक लोग सड़क पर नजर आए और सतलुज के पानी में लगातार नजर रखे रहे। पुलिस और प्रशासन की टीमों ने भी स्थिति पर बराबर नजर रखी और लोगों को नदी किनारे जाने नहीं दिया।
तीन जिलों में आज भी भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग की ओर से चंबा, कांगड़ा और मंडी के लिए वीरवार को भी भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इसी तरह 15 अगस्त शिमला, मंडी, कुल्लू, सिरमौर, चंबा और कांगड़ा में हल्की बारिश का पूर्वानुमान जताया गया है। इस बीच, शिमला में बुधवार रात को भी झमाझम बादल बरसे। डेढ़ बजे के बाद शुरू हुई बारिश देर रात तक जारी रही। बारिश से हिमलैंड समेत कई जगहों पर पेड़ भी गिर गए।
