हिमाचल में बादल फटने से तबाही; मंडी में 4 की मौत, 16 लापता, ब्यास नदी उफान पर

एआरबी टाइम्स ब्यूरो 

मंडी। हिमाचल प्रदेश में लगातार मूसलाधार बारिश और बादल फटने की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई है। विशेष रूप से मंडी जिले के गोहर, करसोग और धर्मपुर क्षेत्रों में हालात बेहद खराब हैं। बीती रात से जारी बारिश में 4 लोगों की मौत, 16 लापता और 117 लोगों को सुरक्षित रेस्क्यू किया गया है। प्रशासन और NDRF/SDRF की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। 18 घर और 12 गोशालाएं क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं। करसोग में एक व्यक्ति की मौत और 4 लापता हैं। गोहर के स्यांज गांव में 9 लोग लापता बताए जा रहे हैं। सराज क्षेत्र के बाड़ा और तलवाड़ा में भी तबाही मची है, जहां कुल 5 लोग लापता हैं। मंडी शहर में 11 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। धर्मपुर और भदराणा में कई घर और गोशालाएं बर्बाद हो गईं, 26 मवेशियों की जान गई।

पंडोह डैम से छोड़े गए 1.57 लाख क्यूसेक पानी के कारण ब्यास नदी में बाढ़ आ गई है और पंडोह बाजार जलमग्न होने लगा है। मंडी के कई इलाकों में घरों और दुकानों में मलबा और पानी भर गया है। पटिकरी पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह तबाह हो चुका है। कुकलाह के पास पुल और कुछ वाहन भी बह गए हैं। कांगड़ा, हमीरपुर और मंडी जिलों में सभी शैक्षणिक संस्थान मंगलवार को बंद रखे गए हैं। मंडी शहर के कई हिस्सों में खड्ड और नालों में उफान से घरों और दुकानों में मलबा और पानी घुस गया है। धर्मपुर में भरैंड नाला उफान पर है, जिससे धर्मपुर बस अड्डा सहित कई दुकानों और घरों में पानी भर गया है। प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।

 

सुजानपुर में 40 लोग रेस्क्यू, डैम का पानी रोका गया

सुजानपुर के खैरी क्षेत्र में ब्यास नदी के जलस्तर में वृद्धि से 5 से 7 घर जलमग्न हो गए। सुबह 4:30 बजे सूचना मिलने पर डैम से पानी की निकासी रोकी गई और जंगल बेरी बटालियन की पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर 40 लोगों को सुरक्षित निकाला। इनमें 15 प्रवासी मजदूर और शेष स्थानीय निवासी हैं।

करसोग और गोहर में ये लोग लापता :  पदम सिंह (75), देवकू देवी (70), झाबे राम (50), पार्वती देवी (47), सुरमि देवी (70), इंद्र देव (29), उमावती (27), कनिका (9), गौतम (7)

एक रात में फटे आठ बादल, 500 करोड़ का नुकसान : मुख्यमंत्री

हमीरपुर। हिमाचल में बीती रात आठ जगहों पर बादल फटने से भारी तबाही हुई है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने हमीरपुर के नादौन में यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रारंभिक आकलन के अनुसार, प्रदेश को करीब ₹500 करोड़ का नुकसान हुआ है। ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ने से खतरा और बढ़ गया है। नादौन में ब्यास नदी के किनारे एक महिला का शव भी बरामद किया गया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि नुकसान का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।

नादौन में एक सरकारी भवन के लोकार्पण कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए सीएम ने लोगों से नदी-नालों से कम से कम 500 मीटर दूर रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि एक परिवार के भूस्खलन से प्रभावित होने की सूचना मिली है और वहां रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया है। पर्यटकों के लिए चेतावनी जारी करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे दुर्गम क्षेत्रों, नदी-नालों और पहाड़ियों से दूर रहें और शहरी इलाकों में ही रुकें। राष्ट्रीय राजमार्ग खुले हुए हैं, लेकिन कुछ क्षेत्रों में सड़कें बाधित हैं, जिन्हें लोक निर्माण विभाग बहाल करने में जुटा है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बारिश से पावर प्रोजेक्ट्स को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है और कई जगह कामकाज ठप हो गया है। उन्होंने चिंता जताई कि बीते 2-3 वर्षों में बादल फटने की घटनाओं में तेजी से बढ़ोतरी हुई है, जो गंभीर चिंता का विषय है। इसके कारणों की समीक्षा की जा रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि 2023 की आपदा के बाद नदी किनारे निर्माण कार्यों के टीसीपी नियमों में बदलाव किया गया है। साथ ही केंद्र सरकार से इस तरह की आपदाओं में त्वरित सहायता की मांग की है।

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