एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रिकांगपिओ/शिमला। हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। भूस्खलन और बाढ़ की वजह से दो नेशनल हाईवे समेत 376 सड़कें बंद हो गई हैं। राज्यभर में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। वहीं, किन्नौर जिले में पत्थर गिरने से दिल्ली निवासी दंपती की मौत हो गई। शिमला के विकासनगर और देवनगर में लैंडस्लाइड से यातायात बंद, कई गाड़ियां मलबे में दबीं।
चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे बंद
लगातार बारिश से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे कई जगहों पर भूस्खलन के कारण बंद हो गया है। मंडी से पनारसा तक नौ मील, जागर नाला, पंडोह डैम, दयोड़, जोगणी माता मंदिर और शनि मंदिर के पास भारी मलबा जमा हो गया है। कई स्थानों पर नाले और पहाड़ी का मलबा हाईवे पर बह रहा है। मंडी जिले में 203 सड़कें, 458 बिजली ट्रांसफार्मर और 44 जल योजनाएं ठप।
सोलन में फोरलेन धंसा, खतरा बढ़ा
सोलन के पुलिस लाइन के पास फोरलेन लगातार धंस रहा है। हाल ही में आई बारिश के बाद बड़ी दरारें पड़ गईं। निर्माण कंपनी द्वारा ढीली मिट्टी पर सड़क बनाने के कारण हादसे का खतरा मंडरा रहा है।
किन्नौर में श्रद्धालुओं की मौत
युला कंडा, किन्नौर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के लिए जा रहे दंपती की मौत हो गई। पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।
मौसम विभाग का अलर्ट
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मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 22 अगस्त तक बारिश जारी रहने का पूर्वानुमान जताया है।
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16 से 19 अगस्त तक येलो अलर्ट।
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सबसे ज्यादा अलर्ट कांगड़ा, मंडी, शिमला और सिरमौर में।
भारी तबाही का आंकड़ा
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मानसून सीजन (20 जून–20 अगस्त) में 257 मौतें।
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331 लोग घायल, 37 अब भी लापता।
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अब तक 2,726 घर-दुकानें क्षतिग्रस्त।
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2,157 गोशालाएं ढही, 1,625 पालतु पशुओं की मौत।

