एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। जिला शिमला के रामपुर उपमंडल के 12/20 क्षेत्र को जोड़ने वाली सड़क का सेरी पुल के पास हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। यह स्थिति क्षेत्र के बागवानों और लोक निर्माण विभाग (लोनिवि) के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है। बीते तीन वर्षों से यह सड़क स्थायी रूप से बहाल नहीं हो पाई है, और हालिया भारी बारिश के कारण वहां की जमीन लगातार धंस रही है। सेरी पुल में सड़क ध्वस्त होने से पीछे लगभग 12 ट्रक फंसे हुए हैं, जिनमें से अधिकांश सेब से लदे हुए हैं। ट्रक चालकों और बागवानों को भारी नुकसान की आशंका है। बागवानों ने तुड़ान बंद कर दिया है, लेकिन पहले किए गए स्प्रे के कारण अब सेब में ड्रॉपिंग शुरू हो गई है, जिससे सेब जमीन पर गिरकर खराब हो रहे हैं।
वैकल्पिक मार्गों पर तेज हुआ काम
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन और लोनिवि ने वैकल्पिक मार्गों को बहाल करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। लोनिवि रामपुर के एक्सईएन शक्ति सिंह ने बताया कि सेरी पुल के आसपास की जमीन पिछले कई वर्षों से लगातार धंस रही है, जिससे सड़क की बहाली में बाधाएं आ रही हैं। फिलहाल वैकल्पिक मार्गों को दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर दिया गया है।
प्रशासन ने जताई चिंता, नुकसान लाखों में पहुंच सकता है
एसडीएम रामपुर हर्ष अमरेंद्र सिंह ने कहा कि सेरी पुल में सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो गई है और फिलहाल वहां से ट्रैफिक चालू कर पाना संभव नहीं है। बाहलीधार मार्ग से ट्रकों की निकासी के लिए युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है, जो अगले 24 घंटे में पूरा होने की उम्मीद है।
बागवानों की मेहनत पर फिरा पानी
शील, डीबरी, कमसारी, नागाधार, देवठी, काशापाट, जुआ, मुनिष और अन्य क्षेत्रों से सेब की तुड़ाई और आपूर्ति प्रभावित हुई है। समय पर फसल मंडियों तक न पहुंच पाने से बागवानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। अगर मार्ग शीघ्र बहाल नहीं हुए तो नुकसान लाखों से बढ़कर करोड़ों में पहुंच सकता है। हालांकि बागवानों द्वारा सेरी पुल तक सेब को छोटो वाहनों लाया जा रहा है, लेकिन पर भी दूसरे वाहन में लोड़ करने में समय और धन दोनों की बर्बादी हो रही है।
