एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश में आर्थिक चुनौती के बीच मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के वेतन-भत्तों में भरी बढोतरी कर दी गई है। सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने विधानसभा के बजट सत्र के अंतिम दिन सदन में मंत्रियों, विधायकों, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन, भत्ते और पेंशन में लगभग 24% की वृद्धि करने वाले तीन संशोधन विधेयक पेश किए, जिन्हें सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के समर्थन से ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। यह वेतन वृद्धि 2016 के बाद पहली बार हुई है। इस वृद्धि के बाद, विधायकों को अब लगभग ₹2,80,000 प्रति माह वेतन और भत्ते मिलेंगे, जो पहले लगभग ₹2,10,000 थे। कैबिनेट मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन-भत्ते भी बढ़कर लगभग ₹3,20,000 हो जाएंगे, जबकि मुख्यमंत्री को लगभग ₹3,25,000 मिलेंगे। इसके अतिरिक्त, पूर्व विधायकों की पेंशन ₹80,000-₹90,000 से बढ़कर ₹1,00,000-₹1,10,000 के बीच हो जाएगी। वेतन वृद्धि में मूल वेतन, महंगाई भत्ता, सत्कार भत्ता और प्रतिपूरक भत्ता शामिल हैं। मूल वेतन और सत्कार भत्ते में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मुख्यमंत्री का मूल वेतन ₹1,15,000 और सत्कार भत्ता ₹1,50,000 होगा। कैबिनेट मंत्रियों और विधानसभा अध्यक्ष का मूल वेतन ₹95,000 और सत्कार भत्ता ₹1,50,000 होगा, जबकि विधानसभा उपाध्यक्ष का मूल वेतन ₹92,000 और सत्कार भत्ता ₹1,50,000 होगा।
बिजली, पानी और टेलीफोन के बिल खुद भरने होंगे
हालांकि, वेतन वृद्धि के साथ विधायकों को कुछ वित्तीय झटका भी लगा है। अब उन्हें बिजली, पानी और टेलीफोन के बिलों का भुगतान स्वयं करना होगा। इसके अलावा, मुख्यमंत्री ने विधायकों के तीन भत्ते खत्म करने की घोषणा की है, जिसमें पूर्व विधायकों का टेलीफोन भत्ता भी शामिल है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि भविष्य में विधायकों का वेतन मूल्य सूचकांक के अनुसार 1 अप्रैल, 2030 से शुरू होकर प्रत्येक पांच वर्षों के बाद बढ़ाया जाएगा। विधायकों को अब केवल विधानसभा क्षेत्र और कार्यालय भत्ता ही मिलेगा।