एआरबी टाइम्स ब्यूरो
बिलासपुर। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के अंतर्गत 15 जुलाई से 15 अगस्त तक चलाए गए विशेष लाभार्थी पंजीकरण अभियान में हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिला ने अभूतपूर्व प्रदर्शन करते हुए 249% पंजीकरण के साथ उत्तर भारत में पहला स्थान और देशभर में 26वां स्थान प्राप्त किया है।
सामूहिक प्रयास से मिली बड़ी सफलता
इसकी जानकारी देते हुए उपायुक्त बिलासपुर राहुल कुमार ने बताया कि यह सफलता जिला प्रशासन, महिला एवं बाल विकास विभाग, और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के समर्पित प्रयासों का परिणाम है। पात्र गर्भवती और धात्री महिलाओं की पहचान कर उन्हें योजना से जोड़ने का कार्य सुव्यवस्थित ढंग से किया गया। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मिश्रा और उनकी टीम को बधाई देते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल बिलासपुर के लिए गर्व का विषय है, बल्कि अन्य जिलों के लिए प्रेरणा स्रोत भी है।
प्रदेश और राष्ट्रीय रैंकिंग
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प्रदेश स्तरीय रैंकिंग में बिलासपुर पहले स्थान पर रहा।
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अन्य जिलों में सिरमौर, कुल्लू, चंबा, कांगड़ा, हमीरपुर, ऊना, मंडी, सोलन, किन्नौर, शिमला, और लाहौल-स्पीति रहे।
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राष्ट्रीय स्तर पर देश के 766 जिलों में से बिलासपुर ने 26वां स्थान प्राप्त किया है।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना क्या है?
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भारत सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य गर्भवती और धात्री महिलाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर संतुलित पोषण और स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित करना है।
योजना के प्रमुख लाभ:
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पहली किस्त – ₹3000
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गर्भधारण का पंजीकरण (एलएमपी की तिथि से 6 माह के भीतर)
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कम से कम एक प्रसव पूर्व जांच
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दूसरी किस्त – ₹2000
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शिशु का जन्म पंजीकरण
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BCG, OPV, DPT, Hepatitis-B टीकाकरण का पहला चक्र पूरा होना
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दूसरे बच्चे के लिए (यदि बेटी हो) – ₹6000 (एकमुश्त)
कुल मिलाकर, पात्र महिला को ₹11,000 तक की सहायता दी जाती है।