Shimla : मंदिरों की धनराशि सरकारी योजनाओं के लिए नहीं : बिंदल

एआरबी टाइम्स ब्यूरो 

शिमला । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने हिमाचल सरकार की ओर से मंदिरों के चढ़ावे की धनराशि के उपयोग को लेकर जारी अधिसूचना पर कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 40 से अधिक बड़े तीर्थ स्थल और मंदिर सरकार द्वारा अधिगृहित किए गए हैं, ताकि चढ़ावे की राशि मंदिरों के रखरखाव, यात्रियों की सुविधाओं और धार्मिक आयोजनों पर खर्च की जा सके।

डॉ. बिंदल ने कहा कि इन निधियों का उपयोग मंदिरों में जलपान, भंडारे, ठहरने की सुविधा, पुजारियों और ब्राह्मणों के मानदेय, मूर्तियों के रखरखाव और आभूषणों के संरक्षण के लिए किया जाता है। साथ ही, छोटे मंदिरों के रखरखाव और पुजारियों के मानदेय के लिए भी बड़े मंदिरों के चढ़ावे से सहायता दी जाती है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वर्तमान प्रशासन ने जिलाधीशों को जारी अधिसूचना में यह निर्देश दिए हैं कि यह धनराशि सरकार की योजनाओं के लिए उपयोग में लाई जाए। उन्होंने इसे मंदिरों की संपत्ति पर अतिक्रमण करार दिया और कहा कि सरकार इसे अन्य कार्यों में इस्तेमाल नहीं कर सकती। डॉ. बिंदल ने कहा, “मुख्यमंत्री कुछ और कहते हैं, उपमुख्यमंत्री कुछ और, और कांग्रेस प्रवक्ता कुछ और बयान दे रहे हैं। हमें उनकी आंतरिक गुटबाजी से कोई लेना-देना नहीं है, लेकिन मंदिर ट्रस्टों की धनराशि को लूटने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने सरकार से मांग की कि मंदिरों की निधि का उपयोग केवल धार्मिक और तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के लिए किया जाए और अधिसूचना को तुरंत रद्द किया जाए।

 

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