एआरबी टाइम्स ब्यूरो
बिलासपुर / शिमला। हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (एचपीपीसीएल) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत को लेकर प्रदेशभर में आक्रोश फैल रहा है। परिजनों ने मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं, जिसके बाद एचपीपीसीएल के कर्मचारी भी प्रबंधन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। एम्स बिलासपुर के बाहर बिजली कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की। वहीं, शिमला स्थित बीसीएस में एचपीपीसीएल कार्यालय के बाहर कर्मचारी धरने पर बैठ गए हैं और निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं। कार्यालय का गेट बंद कर दिया गया है। परिजन और कर्मचारी दफ्तर के बाहर डटे हुए हैं। 10 मार्च को विमल नेगी ऑफिस के लिए घर से निकले, लेकिन वापस नहीं लौटे। बिलासपुर जिले में आखिरी बार सीसीटीवी कैमरे में दिखे। 18 मार्च को मछुआरों को गोबिंदसागर झील में उनका शव मिला। उधर, किन्नौर भाजपा नेता सूरत नेगी ने कहा कि विमल नेगी पर किसी तरह का दबाव बनाया जा रहा था, जिससे वह मानसिक रूप से परेशान थे। उन्होंने संदेह जताया कि नेगी से कोई गलत काम करवाया जा रहा था। उन्होंने सीबीआई से निष्पक्ष जांच कराने की मांग की।
राजस्व मंत्री बोले बोले – होगी उच्च स्तरीय जांच
राजस्व मंत्री जगत नेगी ने कहा कि परिजनों ने उच्च अधिकारियों पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं, इसलिए मामले की हाई-लेवल जांच जरूरी है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस पर चर्चा की और निष्पक्ष जांच कराने का आश्वासन दिया।
नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि विमल नेगी की लापता होने की घटना उन्होंने पहले ही विधानसभा में उठाई थी। उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की। परिजनों के आरोपों को गंभीरता से लेने की अपील की। यह हत्या है या आत्महत्या, इसका स्पष्ट खुलासा होना चाहिए।
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अब तक कोई स्पष्ट जानकारी सामने नहीं आई। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद मौत के असली कारण का खुलासा हो सकता है। दूसरी ओर, परिजनों का दावा है कि यह सिर्फ आत्महत्या का मामला नहीं बल्कि एक गहरी साजिश हो सकती है। उनका आरोप है कि विमल को देर रात तक काम करने के लिए मजबूर किया जाता था और वह मानसिक रूप से परेशान थे।