एआरबी टाइम्स ब्यूरो
चंडीगढ़। जिला अदालत ने 8 साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म और उसकी नृशंस हत्या के दोषी हीरा लाल उर्फ गुड्डू को फांसी की सजा सुनाई है। 2 जून को कोर्ट ने उसे दोषी करार देते हुए यह कठोर फैसला सुनाया। जज ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि दोषी समाज के लिए एक गंभीर खतरा है और भविष्य में भी उसकी प्रवृत्ति में कोई सुधार की संभावना नहीं है। अदालत में बहस के दौरान बच्ची के परिवार के वकील ने दोषी के लिए अधिकतम सजा की मांग की। उन्होंने तर्क दिया कि दोषी ने इतनी वीभत्स घटना को अंजाम दिया है कि वह किसी भी तरह की रहम का पात्र नहीं है। उन्होंने जोर दिया कि दोषी को मौत की सजा मिलनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी अन्य मासूम के साथ ऐसा जघन्य अपराध न कर सके।
मामला जनवरी 2024 का है। 19 जनवरी को 8 साल की बच्ची पड़ोस की दुकान से सामान लेने गई थी, लेकिन कभी वापस नहीं लौटी। शिकायत मिलने पर हल्लोमाजरा के तत्कालीन चौकी प्रभारी ने बच्ची की तलाश के लिए टीमें गठित कीं। पुलिस को शक के आधार पर पड़ोस के एक मकान में खून से सनी रजाई और एक चाकू मिला, लेकिन आरोपी तब तक भाग चुका था। दो दिन बाद, बच्ची का शव रामदरबार में शौचालय के पास जंगल से बरामद हुआ। जांच अधिकारी ने तत्परता दिखाते हुए एक टीम के साथ बिहार के आरा में आरोपी की तलाश की। चार से पांच दिनों की अथक मेहनत के बाद दोषी को गिरफ्तार कर लिया गया।
नाबालिग से दुष्कर्म : दोषी को 20 साल का सश्रम कारावास
कांगड़ा । अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के दोषी जगदीश को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी पर ₹30,000 का जुर्माना भी लगाया है। यह मामला इंदौरा थाने में 25 नवंबर 2023 को दर्ज किया गया था। पीड़िता के पिता ने शिकायत में बताया था कि तड़या सुगाला, इंदौरा निवासी जगदीश उनकी नाबालिग बेटी को जबरदस्ती अपने घर ले गया और वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी जगदीश को 26 नवंबर 2023 को ही गिरफ्तार कर लिया था। गहन जांच और सभी तथ्यों की पड़ताल के बाद, पुलिस ने 19 जनवरी 2024 को अदालत में चालान पेश किया। अब अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद जगदीश को दोषी ठहराते हुए यह सजा सुनाई है।