एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। राज्य सरकार ने शिक्षा निदेशालयों के पुनर्गठन के विरोध में प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए चार शिक्षक नेताओं को निलंबित कर दिया है। शिक्षा विभाग ने प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य अध्यक्ष जगदीश शर्मा, महासचिव संजय, प्रताप ठाकुर और राम सिंह को सस्पेंड कर विभिन्न ब्लॉक कार्यालयों में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्हें बिना अनुमति क्षेत्र न छोड़ने का आदेश भी दिया गया है। प्रदर्शन के दौरान सरकार और अधिकारियों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां करने पर यह कार्रवाई की गई। शिक्षा सचिव ने प्रदर्शन में शामिल अन्य शिक्षकों की पहचान कर उन पर भी सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। जिन शिक्षकों पर सेंट्रल सिविल सर्विसेज रूल्स के तहत कार्रवाई संभव है, उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति (कम्पल्सरी रिटायरमेंट) दी जाएगी। अन्य शिक्षकों के खिलाफ निलंबन और अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी। साथ ही धरने में शामिल शिक्षकों का एक दिन का वेतन भी काटने के आदेश जारी किए गए हैं।
शिक्षा सचिव ने स्पष्ट किया कि शिक्षा निदेशालयों का पुनर्गठन सरकार का नीतिगत निर्णय है और इससे शिक्षकों के अधिकार प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने आदेशों की अवहेलना करने वाले शिक्षकों को अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी। बावजूद इसके प्रदेशभर के प्राथमिक शिक्षक प्रदर्शन में शामिल हो गए। विभाग ने धरने की वीडियोग्राफी करवाई है ताकि प्रदर्शन में भाग लेने वाले शिक्षकों की पहचान की जा सके। उधर, प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि शिक्षा निदेशालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया गया है। जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होतीं, आंदोलन जारी रहेगा।
चौपाल में दो शिक्षक निलंबित… चौपाल के नेरवा ब्लॉक में बीईओ ने औचक निरीक्षण के दौरान प्राइमरी स्कूल शिलाल के जेबीटी शिक्षक दलवीर सिंह और रनवीर चौहान को स्कूल से अनुपस्थित पाए जाने पर सस्पेंड कर दिया। यह कार्रवाई भी शिक्षकों के प्रति विभाग के कड़े रुख को दर्शाती है।