एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत के मामले में प्रशासनिक जांच रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) ओंकार शर्मा द्वारा तैयार की गई 66 पन्नों की यह गोपनीय रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी गई है। रिपोर्ट कॉरपोरेशन के पूर्व एमडी हरिकेश मीणा, निलंबित निदेशक देशराज, पूर्व निदेशक शिवम प्रताप सिंह, पीड़ित परिवार सहित कुल 25 लोगों से पूछताछ पर आधारित है। जांच में यह बात सामने आई कि नेगी को मानसिक रूप से काफी परेशान किया गया। सूत्रों के अनुसार, रिपोर्ट में बताया गया है कि नेगी को सुबह जल्दी कार्यालय बुलाया जाता था और देर शाम तक काम कराया जाता था। उन पर काम का अत्यधिक दबाव था। कर्मचारियों से बातचीत में पता चला कि नेगी को कई बार वरिष्ठ अधिकारियों के कक्ष के बाहर दो-दो घंटे खड़ा रखा गया। उनसे लगातार 12-12 घंटे की ड्यूटी ली जाती थी और कई बार रास्ते से वापस भी बुलाया गया। विमल नेगी ने जून 2024 में शिमला कार्यालय में कार्यभार संभाला था। इससे पहले वह शौंगटोंग परियोजना में तैनात थे।
उल्लेखनीय है कि 10 मार्च को नेगी शिमला से संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गए थे और 18 मार्च को उनका शव बिलासपुर स्थित गोबिंदसागर झील से बरामद हुआ। उसी दिन उनके परिजनों ने हरिकेश मीणा और देशराज पर मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए थे। पुलिस की ओर से पत्नी की शिकायत पर पूर्व एमडी समेत दोनों निदेशकों के खिलाफ नेगी को आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया है। दूसरी ओर, परिजन इस मामले में सरकार से सीबीआई जांच की बार-बार मांग रहे हैं। हालांकि, सरकार की ओर से इस मामले में अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। विमल नेगी को इंसाफ दिलाने के लिए परिजनों के साथ ही कर्मचारी और अन्य संगठन भी आवाज उठा रहे हैं। हालांकि, बताया जा रहा है कि प्रशासनिक जांच के बाद अब इस मामले में कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।