Online Fraud : शिमला में फेक रिव्यू का झांसा देकर युवक से 9 लाख रुपये ठगे, ऑनलाइन फ्रॉड का नया तरीका

एआरबी टाइम्स ब्यूरो

शिमला। ऑनलाइन पैसे कमाने का लालच एक बार फिर भारी पड़ गया है। शिमला के मल्याणा के एक युवक को साइबर ठगों ने होटलों को स्टार रेटिंग देने का काम सौंपकर नौ लाख रुपये का चूना लगा दिया है। यह धोखाधड़ी मई महीने में हुई जब युवक को व्हाट्सएप पर एक मैसेज मिला, जिसमें टेलीग्राम के माध्यम से होटलों को स्टार रेटिंग देने के बदले 150 रुपये प्रति रेटिंग मिलने का प्रस्ताव दिया गया था। साइबर ठगों ने युवक को झांसा दिया कि टास्क शुरू करने से पहले कुछ पैसे जमा करने होंगे, जिसके बदले टास्क पूरा होने पर दोगुनी रकम वापस मिलेगी। शुरुआत में, ठगों ने युवक को छोटी राशि के लिए दोगुने पैसे वापस देकर विश्वास दिलाया. इससे युवक को लगा कि यह कमाई का एक वैध तरीका है।

जैसे-जैसे युवक का विश्वास बढ़ता गया, ठगों ने हर दिन 20 से 25 टास्क देना शुरू कर दिया। इन टास्क को पूरा करने के लिए युवक को अधिक पैसे लगाने पड़ रहे थे। कुछ टास्क पूरे होने पर उसे थोड़ी राशि वापस भी मिली, जिससे उसे लगा कि उसका पैसा सुरक्षित है। हालांकि, धीरे-धीरे ठगों ने टास्क में “गलती” होने की बात कहकर पैसे वापस देना बंद कर दिया। इस तरह, युवक ने लगभग 8,95,600 रुपये गंवा दिए। यह चौंकाने वाली बात है कि युवक ने करीब 15 बार अलग-अलग माध्यमों गूगल पे, आरटीजीएस और ऑनलाइन बैंकिंग से यह बड़ी रकम साइबर ठगों के खातों में जमा कराई। उसने न केवल अपनी, बल्कि अपनी मां और बहन की जमापूंजी भी गंवा दी। जब युवक को अपने साथ हुई ठगी का एहसास हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसने तुरंत हेल्पलाइन नंबर 1930 और कसुम्पटी चौकी में इस मामले की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने युवक की शिकायत के आधार पर भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है और इसकी गहन जांच शुरू कर दी है। यह घटना एक बार फिर ऑनलाइन धोखाधड़ी के बढ़ते खतरों और लोगों को ऐसे लालच भरे प्रस्तावों से सावधान रहने की आवश्यकता पर जोर देती है।

ऐसी ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय

  1. अविश्वसनीय प्रस्तावों से बचें :

    • अगर कोई भी ऑनलाइन प्रस्ताव “बहुत अच्छा” लगता है (जैसे कम समय में भारी रिटर्न, बिना मेहनत के पैसे कमाना), तो उस पर संदेह करें।
    • “होटलों को स्टार रेटिंग दें और पैसे कमाएं” या “वीडियो लाइक करें और पैसे कमाएं” जैसे काम अक्सर धोखाधड़ी होते हैं।
  2. अज्ञात स्रोतों से आए मैसेज और लिंक पर क्लिक न करें:

    • अगर आपको व्हाट्सएप, टेलीग्राम, या किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर किसी अज्ञात नंबर से कोई मैसेज आता है, तो उसे खोलते समय या उसमें दिए गए लिंक पर क्लिक करते समय सावधान रहें।
    • संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से आपके डिवाइस में मैलवेयर इंस्टॉल हो सकता है या आपकी व्यक्तिगत जानकारी चोरी हो सकती है.
  3. पैसे जमा करने से बचें:

    • कोई भी वैध कंपनी या काम शुरू करने से पहले आपसे पैसे जमा करने को नहीं कहती है।
    • अगर आपको किसी भी काम के लिए पहले पैसे जमा करने को कहा जाए, तो यह निश्चित रूप से एक धोखाधड़ी है।
  4. व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें:

    • बैंक खाता संख्या, डेबिट/क्रेडिट कार्ड विवरण, CVV, OTP, पासवर्ड, या कोई भी अन्य संवेदनशील जानकारी किसी अज्ञात व्यक्ति या वेबसाइट के साथ साझा न करें। साइबर ठग अक्सर लोगों को बातों में फंसाकर ये जानकारियां निकलवा लेते हैं.
  5. पहले छोटी राशि से विश्वास दिलाना:

    • धोखाधड़ी करने वाले अक्सर शुरुआत में छोटी राशि वापस देकर या छोटे-मोटे लाभ देकर आपका विश्वास जीतते हैं। एक बार जब आप उन पर भरोसा करने लगते हैं, तो वे बड़ी रकम की ठगी करते हैं। इस रणनीति को पहचानें और ऐसे प्रलोभनों से बचें.
  6. किसी भी संदिग्ध गतिविधि की पुष्टि करें:

    • यदि आपको किसी कंपनी या व्यक्ति पर संदेह हो, तो उनकी आधिकारिक वेबसाइट या संपर्क जानकारी की जांच करें।
    • ऑनलाइन रिव्यूज और शिकायतों को पढ़ें. कई बार लोग ऐसे घोटालों के बारे में पहले ही चेतावनी दे चुके होते हैं।
  7. ऑनलाइन लेनदेन में सावधानी:

    • हमेशा सुरक्षित पेमेंट गेटवे (जैसे https:// से शुरू होने वाले URL) का उपयोग करें।
    • अज्ञात खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर करने से बचें, खासकर जब आप किसी ऑनलाइन “काम” के लिए भुगतान कर रहे हों।
  8. साइबर क्राइम हेल्पलाइन का उपयोग करें:

    • यदि आप किसी धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें और साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर अपनी शिकायत दर्ज करें। जितनी जल्दी आप शिकायत दर्ज करेंगे, ठगी गई राशि को वापस पाने की संभावना उतनी ही अधिक होगी।

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