एआरबी टाइम्स ब्यूरो
किन्नौर। हिमाचल प्रदेश सरकार में राजस्व, बागवानी, जनजातीय विकास तथा जन शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने किन्नौर जिला के रिकांग पिओ स्थित आईटीडीपी भवन में स्थानीय क्षेत्र विकास समिति की बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक में शोंगटोंग-करच्छम, काशंग सहित अन्य लघु जल विद्युत परियोजनाओं से प्रभावित पंचायतों में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा की गई। मंत्री ने सभी परियोजना अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे निर्धारित समयावधि में कार्य पूर्ण करें।
उन्होंने जल विद्युत परियोजनाओं के कारण उत्पन्न प्रदूषण से किसानों की फसल को हुए नुकसान का विवरण शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। साथ ही हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड को प्रभावित पंचायतों के युवाओं को रोजगार के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाने को कहा गया।
ब्लास्टिंग से खतरे की शिकायत पर यूला और मीरू गांव के लिए उपमण्डलाधिकारी निचार को जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया। उन्होंने डम्पिंग साइटों की पहचान, भूमि कटाव रोकने के उपाय तथा CSR की लंबित राशि को जनहित में खर्च करने के निर्देश भी दिए।
कैट प्लान के तहत किए जा रहे कार्यों में GPS की अनिवार्यता पर बल दिया गया, और कार्यों की सूची तथा खर्च का ब्यौरा साझा करने के निर्देश दिए गए। मंत्री ने तराण्डा-सोलडिंग के मध्य क्षतिग्रस्त पुरानी एचटी सड़क के संयुक्त निरीक्षण और मरम्मत के लिए निर्देश दिए।
साडा बैठक में रिकांग पिओ व सांगला क्षेत्र में अधोसंरचना, स्वच्छता, पर्यटन, यातायात एवं ठोस कचरा प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर चर्चा हुई। मंत्री ने ट्रैफिक लाइट, सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति सुधारने, पर्यटक सुविधाओं को बेहतर बनाने और ग्रीन टैक्स व डोर-टू-डोर कचरा शुल्क पर चर्चा की। मंत्री ने कहा कि किन्नौर की नैसर्गिक सुंदरता विश्वविख्यात है और हर साल हजारों पर्यटक यहां आते हैं, इसलिए साडा क्षेत्र को साफ-सुथरा और सुव्यवस्थित बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है।
बैठक का संचालन उपमण्डलाधिकारी कल्पा अमित कल्थाइक ने किया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी, पंचायत प्रतिनिधि, परियोजना प्रबंधक और अन्य कर्मचारी उपस्थित रहे।