एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। डिजिटल युग ने जहां हमारी जिंदगी को आसान बनाया है, वहीं साइबर अपराधियों ने तकनीक का दुरुपयोग कर लोगों को ठगने के नए-नए तरीके खोज निकाले हैं। ठगी के लिए डिजिटल अरेस्ट, सेक्सटॉर्शन जैसे हथकंडे अपनाने के बाद अब शातिरों ने ठगी का नया तरीका निकाला। अब व्हॉट्सएप पर भेजी गई एक फोटो भी आपको भारी नुकसान पहुंचा सकती है। हाल ही में मध्यप्रदेश के जबलपुर में एक ऐसी ही घटना सामने आई जिसमें एक व्यक्ति को व्हॉट्सएप पर भेजी गई एक फोटो पर क्लिक करने की कीमत 2 लाख रुपये चुकानी पड़ी।
🔍 क्या है नया स्कैम? आइए जानें
साइबर अपराधियों ने व्हॉट्सएप पर नया स्कैम शुरू किया है जिसमें अनजान नंबर से एक धुंधली फोटो (Blur Photo) भेजी जाती है। फोटो के साथ कैप्शन होता है जैसे कि क्या आप इस व्यक्ति को पहचानते हैं?, यह आपके भाई जैसा दिख रहा है, या आपका पुराना फोटो मिला है। इससे लोग जिज्ञासावश या भावनात्मक रूप से जुड़कर उस फोटो को खोल लेते हैं। जैसे ही आप फोटो डाउनलोड या क्लिक करते हैं, आपके फोन में एक Malicious File एक्टिवेट हो जाती है। यह एक एपीके (APK) फॉर्मेट में छुपा हुआ रिमोट एक्सेस टूल होता है, जो फोन के सारे कंट्रोल साइबर ठगों को सौंप देता है।
🔐 कैसे होती है ठगी?
- फोटो डाउनलोड करते ही फोन की सुरक्षा प्रणाली बायपास हो जाती है।
- स्टेगनोग्राफी तकनीक के ज़रिए फोटो के भीतर एक ऐसा लिंक छिपा होता है जो एक एप डाउनलोड कर देता है।
- ये एप फोन के बैंकिंग एप, कॉन्टैक्ट्स, एसएमएस, ओटीपी, कैमरा और गैलरी तक पहुंच बना लेता है।
- इसके बाद ठग फोन के ज़रिए ओटीपी पढ़कर बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं।
- एसएमएस नोटिफिकेशन तक ठगों के पास डाइवर्ट हो जाते हैं, जिससे पीड़ित को ट्रांजेक्शन का पता तक नहीं चलता।
📌 ऐसे हुई थी जबलपुर में ठगी
28 मार्च को जबलपुर निवासी प्रदीप को एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉलर ने व्हॉट्सएप पर एक बुजुर्ग की फोटो भेजी और पूछा, क्या आप इन्हें जानते हैं। पहले प्रदीप ने अनदेखी की, लेकिन बार-बार कॉल आने पर उन्होंने फोटो पर क्लिक कर दिया। इसके बाद कुछ ही घंटों में उनके खाते से 2.01 लाख रुपये हैदराबाद के एक एटीएम से निकाल लिए गए। जब बैंक की ओर से ट्रांजेक्शन वेरिफिकेशन कॉल आया, तो ठगों ने एआई या आवाज की नकल के ज़रिए खुद को प्रदीप बताकर कॉल रिसीव कर लिया और बैंक को यकीन दिलाया कि लेनदेन वैध है।
🛡️ कैसे बचें ऐसे स्कैम से?
- अनजान नंबर से आई फोटो या फाइल को कभी भी डाउनलोड न करें।
- व्हॉट्सएप सेटिंग में जाकर ऑटो डाउनलोड ऑप्शन बंद कर दें।
- फोन में कोई थर्ड पार्टी ऐप या APK फाइल कभी इंस्टॉल न करें।
- हमेशा प्ले स्टोर से ही एप डाउनलोड करें।
- एक अच्छा एंटीवायरस इंस्टॉल करें और फोन को नियमित स्कैन करते रहें।
- बैंकिंग एप्स में बायोमैट्रिक या टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन जरूर लगाएं।
- किसी भी संदिग्ध कॉल या मैसेज की तुरंत शिकायत साइबर सेल में करें।
शादी के कार्ड के बहाने भी कर चुके ठगी
पिछले साल साइबर ठगों ने शादी के कार्ड के बहाने ऐसा ही स्कैम चलाया था। उस कार्ड में एक छोटा सा लिंक होता था, जो एपीके फाइल होती थी। क्लिक करते ही फोन हैक हो जाता था। हिमाचल प्रदेश में शादी के कार्ड के बहाने शातिर ठगों ने कई लोगों ने चूना लगाया था।