एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) में स्नातक परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के ऑनलाइन मूल्यांकन को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। हिमाचल प्रदेश राजकीय महाविद्यालय प्राध्यापक संघ की प्रदेश अध्यक्ष डॉ. वनीता सकलानी ने इस प्रक्रिया पर गहरी आपत्ति जताते हुए इसे संभावित “गड़बड़झाला” बताया है। डॉ. सकलानी का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली है कि विश्वविद्यालय ने कुछ खास लोगों को अंतिम वर्ष की उत्तर पुस्तिकाएं ऑनलाइन माध्यम से भेजी हैं। ये लोग निर्धारित मापदंडों के बिना मूल्यांकन कर रहे हैं या करवा रहे हैं। उन्होंने आशंका जताई कि इसमें भाई-भतीजावाद, पारदर्शिता की कमी हो सकती है, जिससे विद्यार्थियों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
पिछले कुछ वर्षों में HPU की मूल्यांकन प्रणाली लगातार सवालों के घेरे में रही है और बहुत गड़बड़ियां सामने आई हैं। इसके विपरीत, सरदार पटेल विश्वविद्यालय के अधीन कॉलेजों में परीक्षाएं दो हफ्ते बाद शुरू होने के बावजूद ऑफलाइन मूल्यांकन की प्रक्रिया पहले ही आरंभ हो चुकी है। प्राध्यापक संघ की मांग है कि प्रदेशभर के महाविद्यालयों में तैनात शिक्षकों को मूल्यांकन कार्य के लिए नियुक्त किया जाए। वर्तमान में सैकड़ों शिक्षक मूल्यांकन ड्यूटी की प्रतीक्षा कर रहे हैं, जबकि विश्वविद्यालय से कोई दिशा-निर्देश नहीं मिला है और सीधे परिणाम निकालने की चर्चा हो रही है। डॉ. सकलानी ने विश्वविद्यालय प्रशासन से अपील की है कि वे स्पष्ट करें कि मूल्यांकन किसके द्वारा, किस प्रक्रिया और मापदंडों के तहत किया जा रहा है। अन्यथा यह विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ माना जाएगा। उन्होंने सरकार और प्रशासन से इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है और शीघ्र ऑफलाइन मूल्यांकन प्रक्रिया शुरू करने पर जोर दिया है।