एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। उपमंडल रामपुर की लालसा क्षेत्र की चार ऐतिहासिक ठहरियों में भगवान परशुराम जयंती को बड़े धूमधाम से मनाया गया। यह आयोजन विलुप्त होती सांस्कृतिक परंपराओं को पुनर्जीवित करने की एक पहल है, जो हर वर्ष चार ठहरियों में बारी-बारी से आयोजित होता है। इस बार आयोजन लालसा की ठहरी में हुआ।इस अवसर पर भगवान परशुराम की पालकी को शनेरी की जेठी ठहरी से लालसा तक लाया गया। शोभायात्रा में देवता साहब धमुख डंसा, देवता साहब झाहरूनाग शनेरी, और देवता साहेब यगेश्वर महाराज शिंगला भी पधारे। लालसा के देवता साहब दोगनू ने अपने नव-निर्मित मंदिर परिसर में सभी देवताओं का भव्य स्वागत किया।सैकड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति ने आयोजन को विशेष बना दिया। ब्राह्मण महिलाओं ने ब्रह्म भक्ति और चार ठहरियों की स्थापना से जुड़ी पौराणिक गाथाएं गीतों के माध्यम से प्रस्तुत कीं। यह आयोजन नई पीढ़ी के लिए संस्कृति से जुड़ने का एक दिव्य अवसर बना।
रामपुर में ब्राह्मण सुधार सभा ने मनाई भगवान परशुराम जयंती

रामपुर की ब्राह्मण समाज सुधार सभा ने अयोध्यानाथ मंदिर परिसर में परशुराम जयंती श्रद्धा और उत्साह से मनाई। सभा के प्रधान राम रतन शर्मा ने बताया कि भगवान परशुराम, भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। वे अपने माता-पिता के आज्ञाकारी पुत्र थे और उन्होंने पृथ्वी से अधर्म और अत्याचार को समाप्त करने का संकल्प लिया था। उन्होंने भगवान शिव से दिव्य परशु और धनुष प्राप्त किए, जो आज भी उनकी अमिट शक्ति का प्रतीक हैं। कार्यक्रम में प्रेम शर्मा (उपाध्यक्ष), पूज्य देव शर्मा (प्रदेश उपाध्यक्ष), सत्य देव शर्मा (महासचिव), श्रवण शर्मा, ए.के. गोस्वामी, कृष्ण गोपाल भारद्वाज (मुख्य सलाहकार), देवराज शर्मा, जीवन प्रकाश शर्मा (सचिव) और काति शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे।