एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। रामपुर में शुक्रवार को अनुसूचित जनजाति और अन्य परंपरागत वन निवासी अधिनियम 2006 (वन अधिकार अधिनियम) पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। यह शिविर समिति सभागार में किसान बागवान यूनियन रामपुर के अध्यक्ष बिहारी सेवगी की अध्यक्षता में हुआ।
शिविर में विभिन्न पंचायतों से आए यूनियन के कार्यकर्ताओं को वन अधिकार अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि इस कानून के तहत पारंपरिक रूप से जंगलों में रहने वाले लोग अब अपनी जमीन के मालिक बन सकते हैं। साथ ही जिन लोगों को जंगल की जमीन से निकाला गया है, वे भी दोबारा मालिकाना हक के लिए आवेदन कर सकते हैं।
कार्यकर्ताओं को यह भी सिखाया गया कि ग्राम स्तरीय समितियां कैसे बनाई जाएं, भूमि की डिमार्केशन कैसे करें और दावों को उपमंडल स्तर तक कैसे भेजा जाए। शिविर में लैंड रेवेन्यू एक्ट 1954, सिलिंग एक्ट, मुजारा कानून और शामलात भूमि जैसे कानूनों की भी जानकारी दी गई।
अध्यक्ष बिहारी सेवगी ने बताया कि यूनियन अब तक रामपुर विधानसभा क्षेत्र में 91 बैठकें कर चुकी है। उन्होंने कहा कि रामपुर विधानसभा के चारों जिला परिषद वार्डों में कमेटियों का गठन किया जा रहा है और जहां कमेटी बन गई हैं वहां पर दावे मंगवाने भी शुरू कर दिए हैं। साथ ही वन अधिकार अधिनियम 2006 नगर परिषद क्षेत्र में भी लागू है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू और बागवानी एवं राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी का इस कानून के तहत लोगों को लाभ देने के लिए आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर यूनियन के पदाधिकारी ओम प्रकाश भारती, मोहन नेगी, विरेंद्र भलूनी, पदमा और अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे।