एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। आगामी सेब सीजन को लेकर शनिवार को मिनी सचिवालय रामपुर में आयोजित बैठक जोरदार बहस और टकराव के बीच संपन्न हुई। बैठक में सेब उत्पादकों और ट्रांसपोर्टरों के बीच यूनियन की पर्ची काटने और ‘डाले’ की वसूली को लेकर तीखी बहस देखने को मिली।
बैठक की अध्यक्षता उपमंडलाधिकारी रामपुर हर्ष अमरेंद्र सिंह ने की। उन्होंने बैठक की शुरुआत में सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों को साझा किया और फिर सभी पक्षों से सुझाव मांगे।
किराया दरों पर बनी सहमति:
चंडीगढ़ रेट: ₹1.50 से बढ़ाकर ₹1.60 प्रति किलोमीटर प्रति क्विंटल
दिल्ली रेट: ₹0.90 से बढ़ाकर ₹1.00 प्रति किलोमीटर प्रति क्विंटल
20 किमी तक: पिकअप किराया ₹2.50 प्रति किलोमीटर प्रति क्विंटल
20 किमी से अधिक: ₹2.30 प्रति किलोमीटर प्रति क्विंटल
इन दरों पर सभी पक्षों की सहमति बनी।
पर्ची और डाले पर घमासान:
सेब उत्पादकों ने ट्रांसपोर्ट यूनियनों पर पर्ची शुल्क और डाले के नाम पर अतिरिक्त पैसे वसूलने का आरोप लगाया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पर्ची काटने की परंपरा बंद होनी चाहिए और बागवानों ने कहा कि स्थानीय ट्रांसपोर्टरों को प्राथमिकता दी जाएगी।
ट्रांसपोर्टरों ने इन आरोपों का विरोध किया, हालांकि डाले के मामले में सहमति बनी, लेकिन पर्ची पर मतभेद बना रहा।
एसडीएम ने दिए दिशा-निर्देश:
सेब लोड करने से पहले गाड़ी का बीमा और सेब का इंश्योरेंस करवाना अनिवार्य होगा।
यदि कोई ट्रांसपोर्टर तय दरों से अधिक वसूली करता है और शिकायत मिलती है, तो प्रशासन सख्त कार्रवाई करेगा।
लोडिंग स्टेशनों को चिन्हित करने और राष्ट्रीय उच्च मार्ग से उनकी दूरी बताने के निर्देश दिए गए, ताकि उचित किराया तय किया जा सके।
बैठक में शामिल संगठन:
ट्रक ऑपरेटर यूनियन, पिकअप यूनियन, एप्पल ग्रोवर यूनियन, लेबर यूनियन, सेब ग्रेडिंग व पैकिंग एसोसिएशन, फॉरवर्डिंग एजेंट एसोसिएशन आदि के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।