एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने राज्य के सभी उपायुक्तों को सतर्क रहने और जनता की सहायता के लिए 24×7 उपलब्ध रहने के निर्देश दिए हैं, ताकि प्रतिकूल मौसम परिस्थितियों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके। मुख्यमंत्री ने आज शिमला से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिला प्रशासन के साथ राज्य की स्थिति की समीक्षा करते हुए राहत एवं पुनर्वास कार्यों को युद्ध स्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि नदियों, खड्डों और नालों के किनारे रह रहे लोगों, विशेष रूप से प्रवासी श्रमिकों की पहचान कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जाए और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को बरसात के मौसम में नदियों और नालों के पास जाने से रोकने के लिए चेतावनी परामर्श जारी करने के भी निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि सभी प्रकार की क्षति की रिपोर्ट तत्काल सरकार को भेजी जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी उल्लेख किया कि हर वर्ष मानसून में बिजली परियोजनाएं बार-बार क्षति का सामना कर रही हैं, इसलिए उनके महत्त्वपूर्ण ढांचे की सुरक्षा के लिए एक व्यापक रणनीति तैयार की जाए।
पिछले 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश में तीन बादल फटने, नौ अचानक बाढ़ की घटनाएं और तीन भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं, जिनमें पांच लोगों की मृत्यु हो गई और एक व्यक्ति घायल हुआ है। कुल्लू जिले में तीन और कांगड़ा जिले में 5-6 लोग अब भी लापता हैं, जबकि 21 फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाला गया है। दो राष्ट्रीय राजमार्ग – एनएच-505 और एनएच-03 अभी भी कई स्थानों पर भूस्खलन के कारण अवरुद्ध हैं।
सैंज घाटी में मझान नाले में बादल फटने की घटना के बाद, डाउनस्ट्रीम जलविद्युत परियोजनाएं – सैंज, पार्वती और लारजी को एहतियातन बंद कर दिया गया है और उनके गेट खोल दिए गए हैं। प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ, होम गार्ड्स और एनडीआरएफ की टीमें तलाशी एवं बचाव अभियान में जुटी हुई हैं।
इस अवसर पर विधायक मोहन लाल ब्राक्टा, आशीष बुटेल, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना, विशेष सचिव राजस्व डी.सी. राणा और मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा भी उपस्थित रहे।