एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार किन्नौर जिले के शिपकी-ला दर्रे के माध्यम से कैलाश मानसरोवर यात्रा शुरू करने के लिए केंद्र सरकार से आग्रह करेगी। मुख्यमंत्री ने यह बात मध्य कमान, लखनऊ के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने बताया कि हिन्दू, जैन और बौद्ध धर्मों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा का अत्यंत धार्मिक महत्त्व है, और शिपकी-ला दर्रा एक व्यवहार्य मार्ग के रूप में उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सीमावर्ती क्षेत्रों के विकास और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र से सिक्किम, लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश की तर्ज पर हिमाचल स्काउट बटालियन की स्थापना की मांग की जाएगी, जिसमें स्थानीय युवाओं को विशेष अवसर दिए जाएंगे। साथ ही, पर्यटकों के लिए इनर लाइन चेक पोस्ट की बाधाओं को दूर करने हेतु केंद्र से इन पोस्टों को समाप्त करने का आग्रह किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने स्पीति घाटी में रंगरिक में हवाई पट्टी स्थापित करने की मांग की, जिससे बड़े विमान वहां उतर सकें। इसके अलावा सांगला, नेसंग और ठंगी जैसे क्षेत्रों में हेलीपोर्ट बनाने के लिए भी सर्वेक्षण करवाने की बात कही।
उन्होंने यह भी कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र स्थापित कर सेना को उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। साथ ही, रक्षा मंत्रालय को सड़कों का रख-रखाव करने की जिम्मेदारी दी जानी चाहिए, क्योंकि ये सड़कें राज्य की जीवन रेखा हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता ने कहा कि भारतीय सेना काजा में ऑल वेदर आइस स्केटिंग रिंक और एक इनडोर स्टेडियम बनाएगी, साथ ही नेत्र स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन भी करेगी।
बैठक में राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत, प्रधान सचिव देवेश कुमार, पर्यटन निदेशक विवेक भाटिया, सूचना एवं जन संपर्क निदेशक राजीव कुमार सहित भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।