Shimla: वन संरक्षण को रोजगार से जोड़ रही सरकार: मुख्यमंत्री

एआरबी टाइम्स ब्यूरो

शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के ठियोग क्षेत्र के सरा गड़ाकुफर में 1.60 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले वन विश्राम गृह का वर्चुअल शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में पर्यटन और ईको-टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं, लेकिन अब तक 25 किलोमीटर के दायरे में विश्राम गृह की सुविधा नहीं थी। इस निर्माण से पर्यटकों को सुविधाएं मिलेंगी और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।

मुख्यमंत्री ने बताया कि वन विभाग के पास वर्तमान में लगभग 450 विश्राम क्षेत्र हैं, जिन्हें ईको-टूरिज्म के लिए विकसित किया जा रहा है। अभी तक 7 ईको-टूरिज्म साइट्स का आवंटन किया जा चुका है और 78 नई साइट्स की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी।

उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में 600 हेक्टेयर बंजर भूमि पर पौधरोपण किया गया है, जिसमें स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। पौधों के रख-रखाव के लिए 7 वर्षों तक स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा। वित्त वर्ष 2025-26 में 5000 हेक्टेयर वन भूमि पर पौधरोपण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 60 प्रतिशत फलदार पौधों का रोपण किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी बजट में राजीव गांधी वन संवर्धन योजना के लिए 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत युवक मंडलों, महिला मंडलों और स्वयं सहायता समूहों को 1 से 5 हेक्टेयर बंजर वन भूमि पर पौधरोपण और 5 वर्षों तक रख-रखाव करने की जिम्मेदारी दी जाएगी। प्रत्येक समूह को पांच वर्षों में कुल 6.40 लाख रुपये की सहायता दी जाएगी।

कार्यक्रम में विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बताया कि सरकार पर्यटन और बागवानी को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने नारकंडा में आइस स्केटिंग रिंक हेतु 3.50 करोड़ रुपये स्वीकृत करने और यूनिवर्सल कार्टन की पहल से सेब बागवानों को राहत मिलने की भी बात कही।

इस अवसर पर वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केहर सिंह खाची, को-ऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष देवेंद्र श्याम, अतिरिक्त मुख्य सचिव के.के. पंत और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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