Shimla: शिक्षा ऋण को प्राथमिकता दें: उपायुक्त ने जिला स्तरीय बैंक सलाहकार समिति की बैठक में दिए निर्देश

एआरबी टाइम्स ब्यूरो

शिमला। शिमला जिला में अग्रणी बैंकों की जिला स्तरीय समीक्षा एवं बैंक सलाहकार समिति की बैठक उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित हुई। उन्होंने बैंकों से छात्रों को लाभ देने के लिए शिक्षा ऋण को प्राथमिकता देने की अपील की।

उन्होंने कहा कि बैकों द्वारा आयोजित किये जाने वाले वित्तीय साक्षरता शिविर में प्रदेश सरकार की शिक्षा के क्षेत्र में महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना की जानकारी लोगों को उपलब्ध करवाई जाए ताकि अधिक से अधिक लोगों को उसका लाभ प्राप्त हो सके। सभी जागरूकता शिविरों में वित्तीय धोखाधड़ी के बारे में भी लोगों को जागरूक करें ताकि कोई भी व्यक्ति ठगी का शिकार न हो। उपायुक्त ने जागरूकता फैलाने, सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों को अधिकतम लाभ देने और आत्मनिर्भरता व स्वरोजगार को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि बैंक गरीब तबके तक सरकार की योजनाओं की जानकारी पहुंंचाएं।

बैठक में बताया गया कि जिले की क्रेडिट-डिपॉजिट दर 41.42% से बढ़कर 42.57% हो गई है। इस तिमाही में जमा राशि में 1.18%, अग्रिम राशि में 3.99%, प्राथमिकता क्षेत्र में 1.88%, कृषि में 1.80% और एमएसएमई में 5.80% व शिक्षा ऋण क्षेत्र में 2.96 की वृद्धि हुई है, जबकि आवास ऋण में 0.73% की कटौती दर्ज की गई।

इस वित्त वर्ष में 597 स्वयं सहायता समूहों को 17.08 करोड़ रुपये की सहायता दी गई। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत शिशु लोन के 1521, किशोर लोन में 8695 और तरुण लोन के 3390 मामलों को स्वीकृति मिली। ग्रामीण क्षेत्रों में 729 वित्तीय साक्षरता शिविर आयोजित हुए।

सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के तहत अब तक 1.46 लाख लोग जीवन ज्योति बीमा योजना, 3.40 लाख सुरक्षा बीमा योजना और 69,809 लोग अटल पेंशन योजना से जुड़ चुके हैं।

राष्ट्र ग्रामीण आत्म स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से 698 लोगों को मधुमक्खी पालन, ब्यूटी पार्लर, फास्ट फूड, महिला टेलरिंग जैसे क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया गया।

उपायुक्त ने बताया कि ऋण योजना के तहत शिमला जिले में विभिन्न बैंकों के माध्यम से कुल 10003.57 करोड़ रुपए के ऋण वितरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए 9053.97 करोड़ रुपए का ऋण आबंटन प्रस्तावित है। इनमें कृषि क्षेत्र के लिए 5029.56 करोड़ रुपए, सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों के लिए 2527.52 करोड़ रुपए, शिक्षा ऋण हेतु 60 करोड़ रुपए, गृह ऋण के लिए 322 करोड़ रुपए तथा निर्यात, सामाजिक आधारभूत संरचना, नवीकरणीय ऊर्जा एवं अन्य प्राथमिकता क्षेत्रों के लिए 1114.87 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं।

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