नई दिल्ली। नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दाखिल आरोपपत्र के आधार पर भेजा गया है। अदालत ने कहा कि चार्जशीट पर संज्ञान लेने से पहले आरोपियों को सुनने का अधिकार छीना नहीं जा सकता। अब मामले की अगली सुनवाई 8 मई को होगी। इससे पहले कोर्ट ने 25 अप्रैल को ईडी की चार्जशीट पर नोटिस जारी करने से इंकार कर दिया था और एजेंसी से और अधिक प्रासंगिक दस्तावेज उपलब्ध कराने और कानूनी खामियों को दूर करने को कहा था। अब दूसरी सुनवाई में कोर्ट ने सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी स्तर पर सुनवाई का अधिकार, निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करने की संवैधानिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला?
नेशनल हेराल्ड एक ऐतिहासिक अखबार था जिसकी स्थापना 1938 में पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी। इसे एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) द्वारा प्रकाशित किया जाता था। 2008 में आर्थिक संकट के चलते अखबार बंद हो गया। इसके बाद 2010 में ‘यंग इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ (YIL) नाम की कंपनी बनाई गई, जिसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी की 38-38% हिस्सेदारी है। भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने 2012 में अदालत में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि यंग इंडिया ने मात्र 50 लाख रुपये में AJL की करीब 2000 करोड़ रुपये की संपत्ति का अधिग्रहण किया। स्वामी ने इसे धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग करार दिया। ईडी ने इस मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सैम पित्रोदा, सुमन दुबे समेत कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं को आरोपी बनाया है और चार्जशीट दाखिल की है।