मंडी। मिलेट्स प्रमोशन कार्यक्रम के तहत चुराग ब्लॉक की ग्राम पंचायत बही सरही के गांव भेणा रेउशी में मोटे अनाजों पर एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में हिम आरआरए (हिमाचल रूरल रिसर्च एंड एक्शन) से जुड़े मिलेट्स फैलो सोम कृष्ण गौतम और मास्टर ट्रेनर आशा कुमारी ने किसानों को मोटे अनाज जैसे कोदरा, कोणी, और रामदाना के बीज वितरित किए और उनके महत्व की जानकारी दी।
महिला किसानों को मोटे अनाजों की बिजाई, कटाई, हार्वेस्टिंग और थ्रेशिंग की विधियां सिखाई गईं। इसके साथ ही मोटे अनाजों से बनने वाले स्वादिष्ट व पोषक व्यंजनों की रेसिपी भी बताई गई। विशेषज्ञों ने बताया कि मोटे अनाजों में कैल्शियम, आयरन और फाइबर भरपूर मात्रा में होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं। यह अनाज कम पानी में भी उगाए जा सकते हैं, जिससे जल संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की रोकथाम में सहायता मिलती है। साथ ही, ये शुगर फ्री और ग्लूटेन फ्री होते हैं, जिससे डायबिटीज, बीपी, कैंसर जैसी बीमारियों से भी बचाव संभव है। प्रशिक्षण में बताया गया कि हमारे पूर्वज इन्हें औषधीय भोजन के रूप में खाते थे, जिससे वे लंबी आयु और बेहतर स्वास्थ्य का आनंद लेते थे। मोटे अनाज पाचन में धीमे होते हैं जिससे भूख कम लगती है और शरीर को संपूर्ण पोषण मिलता है। सभी महिला किसानों ने मोटे अनाजों की खेती शुरू करने का संकल्प लिया।