Vimal Negi Death Case : एफआईआर में सिर्फ पद नहीं, नाम भी होना चाहिए : भाजपा

एआरबी टाइम्स ब्यूरो 

शिमला । भाजपा ने हिमाचल प्रदेश में एचपीपीसीएल के चीफ इंजीनियर विमल नेगी की संदिग्ध मौत को लेकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वीरवार को विधानसभा में सरकार को घेरने के बाद शुक्रवार सुबह नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल के नेतृत्व में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल शिव प्राप्त शुक्ल को ज्ञापन सौंपा। भाजपा ने कहा कि एफआईआर के मुताबिक, विभाग के एमडी पर केस हुआ है उनमें अधिकारी को नामजब्त करना चाहिए था। अब तो एमडी बदल गया है तो केस तो पद के खिलाफ बना जो कि गलत है।

भाजपा ने निष्पक्ष जांच और सीबीआई हस्तक्षेप की उठाई मांग

भाजपा ने इस मामले की निष्पक्ष जांच पर सवाल उठाते हुए कहा कि एक आईएएस अधिकारी की जांच दूसरा आईएएस अधिकारी कैसे कर सकता है? उन्होंने सरकार से सीबीआई जांच की मांग की ताकि निष्पक्ष जांच सुनिश्चित हो सके। जयराम ठाकुर ने कहा कि भाजपा इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करती है और मृतक के परिजनों तथा एचपीपीसीएल के कर्मचारियों की मांगों का समर्थन करती है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पहले कार्रवाई में देरी की और जब परिजनों ने विरोध प्रदर्शन किया, तब जाकर निदेशक को निलंबित किया गया। इसके बावजूद प्रबंध निदेशक को सिर्फ पद से हटाया गया, न कि निलंबित किया गया।

परिवार और कर्मचारियों का आरोप

भाजपा ने राज्यपाल के समक्ष बताया कि विमल नेगी कई दिनों से लापता थे। परिवार द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बावजूद एफआईआर दर्ज नहीं की गई। 18 मार्च 2025 को उनका शव गोबिंदसागर झील से बरामद हुआ। परिजनों और कर्मचारियों ने प्रबंध निदेशक हरिकेश मीणा और निदेशक देश राज को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि वे नेगी पर गलत काम करने के लिए दबाव डालते थे, जिससे वे मानसिक तनाव में थे। जब सरकार ने कार्रवाई नहीं की, तो परिजनों ने विरोध में शव को एचपीपीसीएल कार्यालय के बाहर रख दिया और चेतावनी दी कि जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। इसके बाद सरकार ने निदेशक को निलंबित किया और एफआईआर दर्ज की, जिसके बाद परिजन शव को दाह संस्कार के लिए किन्नौर ले गए।

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