समय पर इलाज न मिलने पर 90% डॉग्स की हो सकती है मौत
एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। रामपुर उपमंडल और साथ लगते कुल्लू जिले के क्षेत्रों से पशु चिकित्सालय रामपुर में इलाज के लिए लाए जा रहे डॉग्स में पार्वो वायरस के लक्षण पाए जा रहे हैं। इस वायरस का पहला मामला रामपुर में मार्च महीने में सामने आया था। डॉक्टरों के अनुसार, समय पर इलाज न मिलने पर इससे 90% डॉग्स की मौत हो सकती है।
हालांकि यह कोई नया वायरस नहीं है और अक्सर सीजन के अनुसार फैलता है, फिर भी डेढ़ से दो साल की उम्र के डॉग्स पर इसका असर सबसे ज्यादा देखा गया है। इसके प्रमुख लक्षणों में खून की उल्टी और खून के साथ दस्त आना शामिल है। इन दस्तों से तेज दुर्गंध आती है और इलाज में देरी होने पर डॉग्स की जान भी जा सकती है।
अब तक रामपुर के गौरा, थड़ा, निरमंड के बागीपुल, अरसू और चाटी क्षेत्रों से पार्वो वायरस के कई मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से अधिकांश डॉग्स समय पर उपचार मिलने से ठीक हो गए हैं, जबकि कुछ अभी भी इलाजरत हैं।
पशु चिकित्सक डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि रामपुर व आसपास के इलाकों में ह्यूमून पीपल संस्था के सहयोग से एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है, जिसके तहत पालतू और आवारा डॉग्स को “सेवन इन वन” वैक्सीन दी जा रही है। अब तक 2100 से ज्यादा डॉग्स को यह वैक्सीन दी जा चुकी है, जिससे पार्वो वायरस समेत कई अन्य बीमारियों पर काफी हद तक नियंत्रण पाया गया है।
यह वैक्सीन डॉग्स को निम्नलिखित 7 बीमारियों से बचाती है:
डिस्टेंपर (D) – यह एक संक्रामक और जानलेवा वायरस है जो डॉग्स के श्वसन, पाचन और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।
हेपेटाइटिस (H – कैनाइन एडेनोवायरस टाइप-1) – यह वायरस डॉग्स के लिवर और अन्य अंगों को नुकसान पहुंचाता है।
एडेनोवायरस टाइप-2 (H/A2) – यह श्वसन संबंधी बीमारी (केनेल खांसी) का कारण बनता है और टाइप-1 के विरुद्ध भी सुरक्षा देता है।
पार्वोवायरस (P) – यह वायरस उल्टी और खूनी दस्त का कारण बनता है, विशेषकर पिल्लों में अत्यधिक खतरनाक होता है।
पैराइन्फ्लुएंजा (P) – यह श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है और केनेल खांसी के मामलों में योगदान देता है।
रेबीज (R) – यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी पर असर डालने वाला एक जानलेवा वायरस है, जो इंसानों में भी फैल सकता है।
लेप्टोस्पायरोसिस (L) – यह एक बैक्टीरियल रोग है जो लीवर और किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है, और इंसानों में भी फैलने की क्षमता रखता है।
डॉग्स को इन बीमारियों से बचाने के लिए समय पर टीकाकरण और सावधानी बेहद जरूरी है।