एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर। मिड डे मील वर्करज़ यूनियन (सीटू से संबंधित) की ब्लॉक इकाई ननखड़ी की बैठक निरथ में यूनियन अध्यक्ष कुशल्या की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में सीटू जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह, यूनियन महासचिव कलावती, अंजली मेहता, सीता, किरना, निर्मला देवी समेत कई कार्यकर्ता शामिल हुए।
बैठक में निर्णय लिया गया कि 20 मई 2025 को मिड डे मील वर्करज़ देशव्यापी हड़ताल में भाग लेंगे। यह हड़ताल केंद्र सरकार की मिड डे मील वर्कर्स विरोधी नीतियों और लंबित मांगों को लेकर की जा रही है।
यूनियन नेताओं ने बताया कि प्रदेश के 21,000 मिड डे मील कर्मियों को मात्र ₹4500 प्रतिमाह वेतन मिलता है, जो कई महीनों तक रुका रहता है। उच्च न्यायालय ने 2019 और 2024 में आदेश दिया था कि कर्मियों को 12 माह का वेतन दिया जाए, लेकिन सरकार ने इस पर अमल नहीं किया। इसके बजाय सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देकर अपनी मानसिकता उजागर की है।
वर्कर्स को वर्ष भर बिना किसी अवकाश के कार्य करना पड़ता है। यदि वे छुट्टी लें तो रिलीवर को ₹500–700 तक अपनी जेब से देना पड़ता है, जबकि उन्हें खुद मात्र ₹150 प्रतिदिन मिलते हैं। प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक के आदेशों के बावजूद उनसे कई अतिरिक्त कार्य करवाए जाते हैं, जिनका कोई भुगतान नहीं किया जाता।
मुख्य मांगें:
उच्च न्यायालय के आदेश अनुसार 12 महीने का वेतन लागू किया जाए।
₹12,000 प्रतिमाह न्यूनतम वेतन सुनिश्चित हो।
वेतन स्लिप अनिवार्य की जाए।
आंगनबाड़ी की तर्ज पर 20 अवकाश और दो वर्दियां प्रतिवर्ष दी जाएं।
चुनाव ड्यूटी के लिए अलग से भुगतान हो।
रक्षाबंधन, करवाचौथ व भाई दूज पर वेतन सहित छुट्टी दी जाए।
कम छात्र संख्या वाले स्कूलों में कार्यरत वर्कर्स का नजदीकी स्कूलों में समायोजन किया जाए।
बच्चों की संख्या बढ़ने पर अतिरिक्त वर्कर्स की नियुक्ति हो।
सीटू ने सभी कर्मियों से एकजुट होकर हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है।