एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा है कि हिमाचल प्रदेश सरकार कृषि और बागवानी क्षेत्रों को सुदृढ़ कर राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान वित्त वर्ष के दौरान सरकार इन क्षेत्रों में 2,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
मुख्यमंत्री आज यहां कृषि, बागवानी और अन्य संबद्ध विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषि और बागवानी उत्पादों के प्रसंस्करण और विपणन के लिए आधुनिक व्यवस्थाएं विकसित की जा रही हैं। इसके साथ ही दुग्ध क्षेत्र के विकास के लिए भी नवाचार पर आधारित प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने बताया कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में पशुधन की अहम भूमिका है। इसी को ध्यान में रखते हुए हिम गंगा योजना को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में हमीरपुर और कांगड़ा जिलों में प्रारंभ किया गया है। साथ ही मिल्कफैड द्वारा मंडी, कुल्लू और शिमला जिलों में 120 स्वचालित एवं 32 डिजिटल दूध संग्रहण इकाइयां स्थापित की गई हैं।
प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने इस वर्ष प्राकृतिक तरीके से उत्पादित हल्दी, गेहूं और मक्का के समर्थन मूल्य क्रमशः ₹90, ₹60 और ₹40 प्रति किलोग्राम निर्धारित किए हैं। इसके अतिरिक्त, एक लाख नए किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने और सभी प्राकृतिक कृषकों को हिम परिवार रजिस्टर में शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस बैठक में कृषि मंत्री प्रो. चन्द्र कुमार, बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, विधायक आशीष बुटेल, मिल्कफैड अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर, सचिव पशुपालन रितेश चौहान, और मिल्कफैड प्रबंध निदेशक विकास सूद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।