एआरबी टाइम्स ब्यूरो
मंडी। चुराग ब्लॉक की ग्राम पंचायत मशोग के कोट गांव में एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। यह शिविर प्राकृतिक खेती और मोटे अनाजों की खेती को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। शिविर में लगभग 40 महिला किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के दौरान प्राकृतिक खेती के महत्व और मोटे अनाजों जैसे कोदरा, कोणी, रामदाना आदि पर विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही इन बीजों का आपस में आदान-प्रदान भी किया गया। महिला किसानों ने संकल्प लिया कि वे इन बीजों को उगाकर अपने भोजन का हिस्सा बनाएंगी, जिससे न केवल उनका स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि पर्यावरण भी स्वच्छ बना रहेगा।

प्राकृतिक किसान उत्पादक कंपनी करसोग के निदेशक सोम कृष्ण ने बताया कि कोट गांव की महिलाएं पिछले वर्ष भी मोटे अनाजों की खेती में सक्रिय रही हैं। उनकी मेहनत और जागरूकता के चलते गांव धीरे-धीरे ‘मिलेट्स विलेज’ के रूप में पहचान बना रहा है। इस प्रयास में राधिका महिला मंडल, ज्योति महिला मंडल और स्थानीय स्वयं सहायता समूहों की भूमिका सराहनीय रही है। महिलाओं की सक्रिय भागीदारी और समर्पण से कोट गांव एक आदर्श गांव बनने की दिशा में अग्रसर है।
त्वारकु देवी के क्रॉप डाइवर्सिटी ब्लॉक में 22 किस्मों की गेहूं
त्वारकु देवी के क्रॉप डाइवर्सिटी ब्लॉक में गेहूं की किस्मों का निरीक्षण करते हुए। यहां 22 किस्मों की गेहूं उगाई गई हैं।ब्लॉक चुराग की ग्राम पंचायत सवा महू की प्रगतिशील किसान त्वारकु देवी के क्रॉप डाइवर्सिटी ब्लॉक का निरीक्षण किया गया, जिसमें 22 प्रकार की गेहूं उगाई गई थी। इनमें चार किस्में स्थानीय थीं, जबकि शेष बाहर से लाई गई थीं। यह ब्लॉक 30 मीटर लंबा और 6 मीटर चौड़ा है। सभी किस्मों का पासपोर्ट और कैरक्टराइजेशन डाटा उपलब्ध पाया गया। ब्लॉक में गेहूं पकने की अवस्था में हैं और PVS (पार्टिसिपेट्री वैरायटी सिलेक्शन) के तहत किसानों ने अपनी पसंदीदा किस्में चुनीं। पहले चरण में पांच वरिष्ठ महिला किसानों ने ‘मदलिहुं’ गेहूं को सर्वश्रेष्ठ बताया। दूसरे चरण में पुरुष व महिला किसानों के समूह ने भी इसे प्रथम स्थान दिया। ‘शरबती’ को दूसरा, ‘बार्ली एनकेटी’ को तीसरा और ‘जमुनी’ गेहूं को चौथा स्थान मिला।