Shimla : हिमाचल में राजस्व दस्तावेज बनवाना हुआ महंगा, 20% तक बढ़े सर्विस चार्जेज

एआरबी टाइम्स ब्यूरो

शिमला। हिमाचल प्रदेश सरकार ने राजस्व से जुड़े दस्तावेजों पर लगने वाले शुल्क में 15 से 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी कर दी है। इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव (राजस्व) की ओर से बुधवार को अधिसूचना जारी की गई। अब ततीमा, जमाबंदी, खाना खतौनी, मसाबी जैसे दस्तावेजों के साथ-साथ बुक-1, बुक-3 और बुक-4 के तहत रजिस्ट्रेशन डॉक्यूमेंट्स के लिए सर्विस चार्ज बढ़ा दिए गए हैं।

सरकार के नए आदेशों के तहत, ई-हिम भूमि पोर्टल पर नकल और जमाबंदी की प्रति पेज फीस अब जीएसटी समेत 10 रुपये से बढ़ाकर 20 रुपये कर दी गई है। मसाबी के लिए भी अब 10 के बजाय 20 रुपये और ऑनलाइन डिजिटल लैंड रिकॉर्ड की प्रति कॉपी के लिए 15 रुपये देने होंगे। बोनाफाइड, ओबीसी, एसटी और अन्य राजस्व प्रमाण पत्र) का शुल्क अब जीएसटी सहित 24 रुपये हो गया है, जो पहले 15 रुपये था। जमीन की खरीद, बिक्री और स्थानांतरण से जुड़े दस्तावेज (बुक-1) के लिए अब 590 रुपये देने होंगे, जबकि पहले यह 350 रुपये था। बुक-3 और बुक-4 के लिए शुल्क अब 354 रुपये हो गया है।

राजस्व राशि के वितरण में भी हुआ बदलाव
नई अधिसूचना के अनुसार, अब रजिस्टर्ड दस्तावेजों पर वसूले गए शुल्क का 10 फीसदी हिस्सा निदेशक, भूमि अभिलेख निदेशालय को जाएगा, जबकि 90 फीसदी राशि उपायुक्त ई-गवर्नेंस कमेटी के पास जमा होगी। पहले यह पूरी राशि उपायुक्त कमेटी के पास ही जाती थी।

 

 

 

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