शिमला। उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में शनिवार को राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना की जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में योजना के तहत अब तक प्राप्त आवेदनों, स्वीकृत परियोजनाओं और वितरित ऋण की स्थिति की गहन समीक्षा की गई। उपायुक्त ने बताया कि बैठक में ई-टैक्सी से संबंधित 2 पात्र मामलों को अनुमोदन प्रदान किया गया है। वित्त वर्ष 2025-26 में अब तक जिला शिमला से इस योजना के तहत 13 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 11 ऑनलाइन माध्यम से किए गए हैं। शेष आवेदनों की औपचारिकताओं के पूरा होने पर अगली बैठक में निर्णय लिया जाएगा ताकि पात्र युवाओं को अधिक से अधिक स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें।
📘 क्या है राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना?
हिमाचल सरकार द्वारा 2023 में शुरू की गई यह योजना युवाओं को हरित क्षेत्र (Green Sector) में स्वरोजगार व स्टार्टअप्स हेतु प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है। योजना के अंतर्गत ई-बस, ई-टैक्सी, इलेक्ट्रिक ट्रक, 1 मेगावाट तक की सौर ऊर्जा परियोजनाएं, दंत क्लीनिक और मत्स्य पालन परियोजनाएं शामिल हैं।
🎯 योजना का उद्देश्य:
हिमाचल को हरित ऊर्जा राज्य बनाना
युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना
बेरोजगारी को कम करना
स्टार्टअप को सरकारी सहायता से प्रोत्साहन देना
🏷️ योजना की प्रमुख विशेषताएं:
बैंक द्वारा 90% तक ऋण सुविधा
ई-बस, ई-टैक्सी, ई-ट्रक, ई-टेंपो पर 50% तक निवेश सब्सिडी
सामान्य वर्ग को 25% तक, SC/ST को 30% और महिलाओं/दिव्यांगों को 35% तक सब्सिडी
अधिकतम ₹60 लाख तक प्लांट/मशीनरी के लिए सहायता
👥 पात्रता मानदंड:
आवेदक हिमाचल प्रदेश का निवासी होना चाहिए
आयु 18 से 45 वर्ष (महिलाओं के लिए 5 वर्ष की छूट)
न्यूनतम 10वीं कक्षा उत्तीर्ण