एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। जिला उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण समिति की बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें जिले में मौजूदा मानसून सीजन के दौरान उत्पन्न स्थिति की विस्तृत समीक्षा की गई।
बैठक में उपायुक्त ने वर्षा, भूस्खलन, सड़कों की स्थिति, जनहानि, पशु हानि व अन्य नुकसान का विभागवार ब्यौरा लिया। उन्होंने सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिए ताकि किसी भी आपात स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके।
अब तक की प्रमुख क्षति विवरण:
11 लोगों की मौत (3 गिरने से, 1 डूबने से, 7 सड़क दुर्घटनाओं में)
45 मवेशियों की मृत्यु
07 पक्के मकान, 17 कच्चे मकान, 1 श्रमिक शेड, 1 घराट, 10 गौशालाएं, और 02 रिटेनिंग वॉल क्षतिग्रस्त
लगभग ₹78.34 करोड़ का आकलित नुकसान
उपायुक्त ने बताया कि सभी उपमंडलों में पर्याप्त मात्रा में मशीनरी और श्रमिक तैनात किए गए हैं, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित कार्यवाही की जा सके। लोक निर्माण विभाग को बंद सड़कों को शीघ्र बहाल करने के निर्देश दिए गए, वहीं स्वास्थ्य विभाग को संस्थानों में दवाओं व स्टाफ की पूर्ण उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा गया।
कैथलीघाट-ढली फोरलेन से जुड़ी जांच रिपोर्ट भी पेश
भट्टाकुफर में कैथलीघाट-ढली फोरलेन निर्माण के चलते हुए भूस्खलन से मकान गिरने की घटना पर भी बैठक में चर्चा हुई। इसके लिए गठित दो जांच समितियों—अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) और (कानून एवं व्यवस्था) की अध्यक्षता में गठित—ने अपनी रिपोर्ट बैठक में प्रस्तुत की, जिस पर विस्तृत चर्चा हुई।
बैठक में उपस्थित अधिकारी:
अतिरिक्त उपायुक्त शिमला अभिषेक वर्मा, एडीएम ज्योति राणा, एडीएम पंकज शर्मा, लोक निर्माण, जल शक्ति, पुलिस, और विद्युत बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारी।
