एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। हिमाचल प्रदेश के 138 कॉलेजों में स्नातक (यूजी) कोर्स के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 को शैक्षणिक सत्र 2025-26 से लागू किया जाएगा। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (एचपीयू) की ओर से कुलपति प्रो. सत प्रकाश बंसल की अध्यक्षता में हुई अहम बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में शिक्षा सचिव डॉ. राकेश कंवर और उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत सिंह भी शामिल हुए। प्रो. बंसल ने कहा कि एचपीयू NEP को लागू करने के लिए तैयार है और अब इसका प्रस्ताव अंतिम मंजूरी के लिए राज्य सरकार को भेजा जाएगा। नीति के अनुसार कॉलेजों में चार वर्षीय डिग्री कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे, जिनमें ऑनर्स और ऑनर्स विद रिसर्च के विकल्प शामिल होंगे। यह निर्णय कॉलेजों की संरचना और संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर लिया जाएगा।
बैठक में पाठ्यक्रम, परीक्षा प्रणाली, क्रेडिट सिस्टम और रिसर्च को शामिल करने जैसे अहम बदलावों पर चर्चा हुई। अब यूजी स्तर पर बहुविषयक पाठ्यक्रम लागू होगा, जिसमें एक मुख्य (मेजर) और एक गौण (माइनर) विषय पढ़ाया जाएगा। छात्रों को चौथे वर्ष में ऑनर्स या रिसर्च के साथ ऑनर्स करने का विकल्प मिलेगा। NEP के तहत छात्रों को मल्टीपल एंट्री और एग्जिट की सुविधा मिलेगी। वे सर्टिफिकेट, डिप्लोमा, तीन या चार साल की डिग्री के बीच कभी भी पढ़ाई छोड़ सकते हैं और बाद में इसे फिर से शुरू कर सकते हैं। पाठ्यक्रम में कौशल विकास, नवाचार और अनुसंधान को महत्व मिलेगा। साथ ही छात्रों को स्वयं और मान्यता प्राप्त ऑनलाइन प्लेटफार्म्स से 40 क्रेडिट तक अर्जित करने की सुविधा भी मिलेगी।
चार वर्षीय डिग्री के लिए 168 क्रेडिट अनिवार्य होंगे। पहले वर्ष में 44, दूसरे में 86, तीसरे में 128 और चौथे में 168 क्रेडिट अर्जित करने होंगे। एचपीयू संयुक्त व दोहरी डिग्री कार्यक्रमों पर भी काम करेगा। साथ ही, परीक्षा परिणाम 30 दिनों के भीतर जारी करने के लिए मूल्यांकन प्रक्रिया में भी बदलाव होंगे। इसके लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जाएगा जिसमें कॉलेजों के प्राचार्य और समन्वयक शामिल होंगे।