हिमाचल में किसानों का प्रदर्शन : जमीन से बेदखली के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष

एआरबी टाइम्स ब्यूरो

शिमला। हिमाचल किसान सभा और हिमाचल सेब उत्पादक संघ ने सोमवार को प्रदेशभर में जमीन से बेदखली, घरों की तालाबंदी के खिलाफ और वन अधिकार कानून 2006 को लागू करने की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। राजधानी शिमला के डीसी कार्यालय के बाहर भी किसानों ने नारेबाजी कर सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। हिमाचल किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर और सेब उत्पादक संघ के संयोजक राकेश सिंघा ने कहा कि जिन लोगों ने अपनी आजीविका के लिए वन भूमि पर कब्जा कर रखा है, उनके कब्जों को तुरंत नियमित किया जाए। वन अधिकार अधिनियम के तहत गरीब और छोटे किसानों के हक की रक्षा करना सरकार की जिम्मेदारी है।

शिमला जिले के रामपुर में भी किसानों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर जोरदार प्रदर्शन कर सरकार को मांग पत्र सौंपा। किसान सभा के जिला अध्यक्ष प्रेम चौहान, सेब उत्पादक संघ के उपाध्यक्ष रणजीत ठाकुर और अन्य नेताओं ने कहा कि प्रदेश सरकार गरीब किसानों को बेदखल कर उनके जीने के अधिकार को छीन रही है। वक्ताओं ने आरोप लगाया कि सरकार गरीब परिवारों के मकानों को सील कर उन्हें बेघर कर रही है। किसान सभा के जिला उपाध्यक्ष प्रताप सिंह ने कहा कि घरों की तालाबंदी और किसानों की जमीन से बेदखली के विरोध में पुलिस थाना धर्मशाला से डीसी कार्यालय तक रैली निकाली गई।

कुल्लू में भी किसान सभा ने उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। सभा के नेता राजेश ठाकुर ने कहा कि जमीन से बेदखली किसानों के जीवन पर सीधा हमला है। उन्होंने आरोप लगाया कि वन विभाग फिर से कब्जे हटाने की कार्रवाई शुरू कर चुका है, जबकि पहले जनता के विरोध के चलते आदेश वापस लेने पड़े थे। किसानों ने एफआरए को प्रभावी ढंग से लागू करने की मांग दोहराई। किसानों ने सरकार को चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।

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