एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। राज दरबार रामपुर में जिला स्तरीय फाग मेला शनिवार को देवी-देवताओं के आगमन के साथ शुरू हो गया। चार दिवसीय इस मेले में 25 से अधिक देवी-देवता भाग ले रहे हैं। राजदरबार परिसर में आयोजित पारंपरिक मेले में देवता साहब बसाहरू, गसो और जाख सबसे पहले पहुंचे। इसके अलावा मेले में लक्ष्मी नारायण देवता दरकाली, दोगणू महाराज लालसा, जिशर देवता खड़ाहण, खंटू देवता सेरी मझाली, महासू देवता थेडा, पंचवीर बरांदली देवता, देवी दुर्गा बाड़ी, छोटू देवता कीम, कालेश्वर देवता देवठी, चंभू कशोली, पंचवीर झलैर, पंचवीर कमडाली, डाबर कुंडू चाटी, नव दुर्गा श्राइकोटी, शनेरी, शिंगला, डंसा आदि अपने देवलुओं के साथ पहुंचे हैं।
🎭 पारंपरिक स्वागत और राजदरबार की परंपरा
राजदरबार के प्रवेश द्वार पर नगर परिषद की ओर से पारंपरिक तरीके से देवी-देवताओं का स्वागत किया गया। वहीं महल के मुख्य द्वार पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व पूर्व सांसद प्रतिभा सिंह ने राजपरिवार की ओर से देवी-देवताओं का स्वागत किया। इसके बाद लोनिवि मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने अपनी माता प्रतिभा सिंह के साथ राजदरबार की परंपरा निभाते हुए देवताओं से आशीर्वाद प्राप्त किया। होली के दिन ही प्रतिभा सिंह रामपुर पहुंची थीं, जहां शुक्रवार देर शाम को उन्होंने देवता साहिब बसाहरू, गसो और जाख के साथ होली खेली और देवता ने फाग का दहन किया।

🏕️ मेले में सुविधाएं और व्यवस्थाएं
नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी ने बताया कि देवी-देवताओं और देवलुओं के ठहरने की उचित व्यवस्था की गई है। किसी भी असुविधा की स्थिति में नगर परिषद के कर्मचारी सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगे। परिषद द्वारा नजराना राशि में 5 से 10% की वृद्धि भी की गई है। इस मौके पर नगर परिषद अध्यक्ष मुस्कान, उपाध्यक्ष विशेषर लाल, पार्षद प्रदीप कुमार, प्रीति कश्यप, स्वाति, रोहिताश्व सिंह, कांता देवी, गोविंद राम, अश्वनी नेगी सहित अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

🛕 पहली बार पहुंचे कुंईरी महादेव
इस बार मेले में कुल्लू जिले के आनी खंड के कुंईरी महादेव पहली बार पहुंचे हैं। 7 हार (घोड़ी) और 3 गढ़ के अधिष्ठाता गाड़ा गड़ाही कुंईरी महादेव अपने पूरे लाव-लश्कर के साथ मेले में शामिल हुए। उनके साथ सैकड़ों देवलू और करीब 20 बजंतरी भी पहुंचे, जो देव वाद्य यंत्रों की धुनों पर नाचते-गाते राजदरबार तक पहुंचे।

🌧️ बारिश में भी नहीं रुके देवलुओं के कदम
शनिवार सुबह से हो रही बारिश ने मेले के पहले दिन की रौनक कुछ कम कर दी। भीड़ अपेक्षाकृत कम रही, लेकिन देवलू बारिश के बावजूद देव वाद्य यंत्रों की धुनों पर नाचने से नहीं रुके। हजारों की संख्या में देवलू राजदरबार तक नाचते-गाते पहुंचे। बारिश के कारण वाहनों का जाम भी देखने को मिला, लेकिन वाहन चालक देवी-देवताओं के देवलुओं के आगे बेबस नजर आए।