एआरबी टाइम्स ब्यूरो
रामपुर बुशहर। रामपुर हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट वर्कर्स यूनियन (सीटू से संबद्ध) ने सोमवार को SJVNL की 412 मेगावाट परियोजना के पावर हाउस गेट पर प्रदर्शन किया। यूनियन के ज़िला सचिव अमित के नेतृत्व में हुए इस विरोध में यूनियन अध्यक्ष प्रमोद, उपाध्यक्ष हेमराज, आनंद मेहता, सुख राम, सचिव योगराज, कोषाध्यक्ष संजीव सहित कई मजदूर प्रतिनिधि शामिल हुए। प्रदर्शन को संबोधित करते हुए सीटू ज़िला सचिव अमित ने कहा कि SJVNL एक नवरत्न सार्वजनिक उपक्रम है, लेकिन इसके प्रबंधन का रवैया पूरी तरह तानाशाही हो गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मजदूरों को पावर हाउस छोड़ने के लिए विभागाध्यक्ष से लिखित अनुमति लेनी होती है। आपातकालीन स्थिति में भी मजदूरों को बाहर जाने की अनुमति पाने में घंटों लग जाते हैं। एक हालिया घटना में एक मजदूर का बेटा घायल हो गया, लेकिन मजदूर को बाहर निकलने के लिए अधिकारियों से गिड़गिड़ाना पड़ा।
अब मजदूरों से फोन भी गेट पर जमा करवाने के मौखिक आदेश दिए गए हैं, जो उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि यह व्यवहार श्रम कानूनों, विशेषकर औद्योगिक विवाद अधिनियम का खुला उल्लंघन है। यूनियन का कहना है कि प्रबंधन यूनियन की सहमति के बिना ऐसे आदेश जारी नहीं कर सकता जो कार्यस्थल की परिस्थितियों को प्रभावित करें। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यह अमानवीय व्यवहार जारी रहा, तो यूनियन संघर्ष तेज करेगी और हड़ताल जैसे कठोर कदम उठाएगी। सीटू ने साफ किया है कि मजदूरों के अधिकारों की रक्षा के लिए उनका आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक प्रबंधन अपनी नीति में बदलाव नहीं करता।