एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने सोमवार को शिमला जिले के जुब्बल उपतहसील स्थित ऐतिहासिक एवं धार्मिक स्थल गिरिगंगा में जल स्रोत के पुनरुद्धार अभियान का शुभारम्भ किया। उन्होंने मंदिर परिसर में चिनार का पौधा रोपित कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने यहां सफाई के लिए श्रमदान कर वन और जल संरक्षण की पर्यावरणीय पहल को आगे बढ़ाया। राज्यपाल ने गृह रक्षा, नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन विभाग व एस.डी.आर.एफ. के तत्वावधान में स्थानीय महिला मण्डलों के सहयोग से आयोजित सफाई अभियान में श्रमदान कर भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने महिला मण्डलों को पौधे भेंट किए और पंचायत स्तर पर बावड़ियों के रखरखाव हेतु सक्रिय भागीदारी की अपील की।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने महिला मंडलों का आह्वान किया कि वे पर्यावरण संरक्षण और नशे के खिलाफ अपना योगदान दें। इन दोनों कार्यों में महिला शक्ति की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जल, जीवन की शक्ति है और इस जल की निर्मलता और निरंतरता को बनाए रखने के लिए हमें प्रयास करने चाहिए। उन्होंने कहा कि गिरिगंगा न केवल प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह हमारी धरोहर है, तथा जल, जंगल और जमीन से जुड़ी आस्था की विरासत भी है। उन्होंने यह भी सराहना की कि आमतौर पर आपात सेवाओं के लिए जाने जाने वाले विभाग आज पर्यावरण संकट से निपटने के लिए सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने इस पहल को अनुकरणीय बताते हुए संबंधित सभी संगठनों और स्थानीय समुदाय को बधाई दी।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एवं कमांडेंट जनरल ने बताया कि अब तक 236 जल स्रोतों की सफाई की जा चुकी है, और गीरीगंगा इस क्रम में 237वां जल स्रोत है। उन्होंने बताया कि जल स्रोतों की पहचान और सफाई में महिला मण्डलों की सक्रिय भूमिका रही है। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा, विभिन्न पंचायतों के प्रधान, महिला मंडलों की सदस्याएं, गृह रक्षा विभाग व एस.डी.आर.एफ. के अधिकारी और स्थानीय गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।