Kangra : गले में बादाम फंसने से ढाई साल के मासूम की मौत, समय पर इलाज न मिलने से गई जान

धर्मशाला। कांगड़ा जिले में ढाई साल के मासूम मानविक की गले में बादाम फंसने से मौत हो गई। यह दर्दनाक हादसा वीरवार सुबह करीब 7 बजे हुआ, जब बच्चा खेलते-खेलते रसोईघर पहुंचा और वहां रखे भीगे बादाम में से एक निगल लिया, जो उसके गले में अटक गया। घटना के बाद पूरे परिवार में कोहराम मच गया है। मानविक की मां नेहा घर का काम कर रही थीं और पिता मनदीप सिंह बरामदे में बैठे थे। इसी दौरान बच्चा अकेले ही रसोईघर में चला गया। वहां रखी कटोरी से बादाम उठाकर निगलने की कोशिश की और गले में फंस जाने से बेहोश हो गया। मां की नजर पड़ी तो चीख-पुकार मच गई। परिवार के सदस्य तुरंत पास के सामुदायिक

स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) नगरोटा सूरियां पहुंचे, लेकिन वहां ईएनटी विशेषज्ञ मौजूद नहीं था। हालत गंभीर देख बच्चे को टांडा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। लेकिन नगरोटा सूरियां से टांडा की दूरी करीब 46 किलोमीटर है और एंबुलेंस एक घंटे बाद ही मिली। जब तक एंबुलेंस टांडा पहुंची, तब तक काफी देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने मानविक को मृत घोषित कर दिया। मानविक के दादा ने आरोप लगाया कि अगर सीएचसी में ईएनटी डॉक्टर होता या एंबुलेंस समय पर मिल जाती, तो मानविक की जान बच सकती थी। आरोपों पर सीएमओ ने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी। मानविक अपने माता-पिता की इकलौती संतान था। मां नेहा गृहिणी हैं और पिता मनदीप सिंह दिहाड़ी मजदूर हैं। पूरे गांव में इस घटना को लेकर शोक और आक्रोश है।

बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ये सावधानियां बेहद जरूरी हैं

🥜 1. छोटे बच्चों को हार्ड ड्राई फ्रूट्स न दें

ढाई से तीन साल तक के बच्चों को बादाम, अखरोट, मूंगफली जैसी सख्त चीजें साबुत न दें। इन्हें बारीक पीसकर या पेस्ट के रूप में ही दें।

🍽️ 2. खाने के दौरान बच्चों पर नजर रखें

बच्चा जब खा रहा हो तो वह बैठा हो और ध्यानपूर्वक खा रहा हो, यह सुनिश्चित करें। खेलते या भागते हुए खाने से गले में चीज फंसने का खतरा बढ़ जाता है।

🚫 3. छोटे खिलौनों से बचाएं

ऐसे खिलौने जिनमें छोटे-छोटे हिस्से हों, उन्हें बच्चों की पहुंच से दूर रखें। बच्चे अक्सर इन्हें मुंह में डाल लेते हैं।

🚑 4. इमरजेंसी की जानकारी रखें

अगर बच्चा किसी चीज से चोक हो जाए तो तुरंत हाइमलिक मैन्युवर (Heimlich Maneuver) अपनाएं और नजदीकी अस्पताल ले जाएं। परिजनों को यह प्राथमिक उपचार सीखना चाहिए।

🧠 5. जागरूकता जरूरी है

देखभाल करने वालों को बच्चों की सुरक्षा से जुड़ी जानकारी होनी चाहिए। समय पर समझदारी से लिया गया कदम जान बचा सकता है। यदि बच्चा अचानक खांसने लगे, सांस लेने में दिक्कत हो या आवाज बंद हो जाए, तो यह संकेत हो सकता है कि कुछ गले में फंसा है। तुरंत चिकित्सा सहायता लें।