एआरबी टाइम्स ब्यूरो
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इनमें शिक्षा प्रणाली के प्रशासन में सुधार, परिवहन सुविधा में विस्तार, तकनीकी शिक्षा में पुरस्कार योजना, बाल देखभाल संस्थानों में निवासरत बच्चों को प्रमाण-पत्र जारी करने की अनुमति, अवैध खनन पर नियंत्रण और जल विद्युत परियोजना के लिए वित्तीय सहायता शामिल हैं।
शिक्षा प्रणाली में सुधार
मंत्रिमंडल ने प्रारंभिक शिक्षा निदेशालय को स्कूल शिक्षा निदेशालय में स्तरोन्नत करने की मंजूरी दी, जिससे प्री-नर्सरी से 12वीं कक्षा तक की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाया जा सके। उच्च शिक्षा निदेशालय अब महाविद्यालयों के साथ उच्च शिक्षा के सभी पहलुओं का प्रबंधन करेगा। यह पुनर्गठन शिक्षा प्रणाली की दक्षता बढ़ाने का एक प्रयास है। इसके अलावा, बच्चों को निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार, हिमाचल नियम, 2011 में संशोधन कर पांचवीं और आठवीं कक्षा के अंतिम परीक्षा प्रावधान जोड़े गए हैं। जिन छात्रों का प्रमोशन नहीं होगा, उन्हें दो महीने के भीतर पुनः परीक्षा का अवसर मिलेगा।
परिवहन सेवा का विस्तार
यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के बेड़े में 297 टाइप-1 इलेक्ट्रिक बसें और 24 वातानुकूलित सुपर लग्जरी बसें शामिल करने को मंजूरी दी गई। इससे राज्य में सार्वजनिक परिवहन अधिक सुलभ और पर्यावरण अनुकूल बनेगा।
तकनीकी शिक्षा विभाग में पुरस्कार योजना
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश राज्य पुरस्कार योजना शुरू करने का निर्णय लिया, जिसके तहत छह श्रेणियों में 10 पुरस्कार दिए जाएंगे। इनमें सर्वश्रेष्ठ शिक्षक (आईटीआई स्तर) – 3 पुरस्कार,अनुसंधान उत्कृष्टता एवं नवाचार (डिग्री स्तर) – 2 पुरस्कार, उद्योग समन्वय पुरस्कार (बहुतकनीकी और आईटीआई स्तर) – 2 पुरस्कार, सर्वश्रेष्ठ शिक्षक (बहुतकनीकी, फार्मेसी और इंजीनियरिंग कॉलेज स्तर) – 1-1 पुरस्कार। चयन अकादमिक उत्कृष्टता, अनुसंधान, सामुदायिक जुड़ाव, प्रायोजित अनुसंधान तथा उद्योग-अकादमिक सहयोग के आधार पर किया जाएगा।
बाल देखभाल संस्थानों में रह रहे बच्चों के लिए प्रमाण-पत्र
मंत्रिमंडल ने 15 वर्ष या उससे अधिक समय से बाल देखभाल संस्थानों में रह रहे परित्यक्त बच्चों को हिमाचली प्रमाण-पत्र जारी करने की अनुमति दी। इससे वे सरकारी नौकरियों और राज्य की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे।
अवैध खनन पर नियंत्रण हुई
राज्य में अवैध खनन गतिविधियों पर निगरानी बढ़ाने के लिए मंत्रिमंडल ने नए निगरानी वाहन खरीदने की मंजूरी दी। इससे प्रवर्तन व्यवस्था को सशक्त बनाया जाएगा।मंत्रिमंडल ने शोंगटोंग-कड़छम जल विद्युत परियोजना के सुचारु संचालन के लिए 1000 करोड़ रुपये के सावधि ऋण के लिए एचपीपीसीएल को सरकारी गारंटी प्रदान करने का निर्णय लिया।